भजनः (2)निषाद प्रकरण
गुरुवार, 16 अप्रैल 2015
यह राज पाट सब ले लो
प्रभु, बन राजा राज करो।
हे रघुनन्दन ये
बिनती है, तुम अब स्वीकार करो।।
मत जाओ वन बन
सन्यासी, अब सहन नहीं होता है।
यह रुप देखकर हे
प्रभुवर यह मेरा अन्तर्मन रोता ह॥
सेवक को सेवा का
अवसर, हे नाथ प्रदान करो।
हे रघुनन्दन ये
बिनती है, तुम अब स्वीकार करो।।
निज चरणों का आश्रय
देकर, यह जीवन धन्य करें प्रभुवर।
तन मन धन सब तुम पर
अर्पण, उपकार करें प्रभु हम पर॥
बन सेवक सदा करूं सेवा, प्रभु ये उपकार करो।
हे रघुनन्दन ये
बिनती है, तुम अब स्वीकार करो।।
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राजेश्वर मधुकर
शैक्षिक दूरदर्शन लखनऊ
में प्रवक्ता उत्पादन के पद पर कार्यरत श्री राजेश्वर मधुकर बहुमुखी प्रतिभा के
धनी हैं।मधुकर के व्यक्तित्व में कवि,लेखक,उपन्यासकार और
एक अच्छे फ़िल्मकार का अनोखा संगम है।“सांझ की परछांई”(बौद्ध दर्शन पर आधारित
उपन्यास),“आरोह स्वर”(कविता संग्रह),“घड़ियाल”(नाटक), “छूटि गइल अंचरा के दाग”(भोजपुरी नाटक) आदि इनकी
प्रमुख कृतियां हैं। इनके अतिरिक्त मधुकर जी ने अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक
टी वी सीरियलों का लेखन एवं निर्देशन तथा “सांवरी” नाम की भोजपुरी फ़ीचर
फ़िल्म का लेखन,निर्देशन एवं
निर्माण भी किया है।आपके हिन्दी एवं भोजपुरी गीतों के लगभग 50 कैसेट तथा कई वीडियो एलबम भी बन चुके
हैं।
मो0 9415548872
2 टिप्पणियाँ:
सुन्दर. भक्तिपूर्ण
Nice Article sir, Keep Going on... I am really impressed by read this. Thanks for sharing with us.. Happy Independence Day 2015, Latest Government Jobs.Top 10 Website
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