बच्चों की असीमित कल्पनाओं के अद्भुत कथाकार : समीर गांगुली
बुधवार, 17 दिसंबर 2025
बच्चों की असीमित कल्पनाओं के अद्भुत कथाकार :
समीर गांगुली
| समीर गांगुली |
मैंने समीर जी की इन चारों किताबों के आधार पर ही उनके
द्वारा अभी तक लिखे गए बाल साहित्य के मूल्यांकन का खतरा भी उठाया है ।यहाँ मैं यह
बता देना भी जरूरी समझता हूँ कि समीर जी
की बाल साहित्य की और भी कई किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं ।जिनकी समय समय पर काफी
चर्चा भी होती रही है ।देश भर की प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में भी इनकी ढेरों
कहानियां ,कुछ नाटक और अन्य साहित्य भी प्रकाशित होता रहता है ।विज्ञानं कथा लेखन
में भी उन्हें महारत हासिल है ।
यहाँ मैं सबसे पहले समीर जी की नेशनल बुक ट्रस्ट से
प्रकाशित चित्रात्मक कहानी पुस्तक “एक था दाना अनजाना ”की चर्चा करूंगा ।इस किताब
में जिस ढंग से एक दूकान में बोरियों में भरे अनाज के दानों,चूहे और गौरैय्या के
माध्यम से बरगद के महत्त्व को बताया गया है वह अद्भुत है ।बरगद का नन्हां बीज जिसे
दूसरे अनाज के दाने ज्यादा महत्त्व नहीं देते थे क्योंकि वह सबसे छोटा था और उसके
बारे में दूसरे अनाजों के दाने जानते भी नहीं थे ।बरगद के उस नन्हें दाने के बारे
में जब गौरैय्या ने अन्य दानों को बताया तो सभी अनाज के दानों ने उस अनजाने नन्हें
दाने को भी अपना साथी बना लिया ।इस एक छोटी सी पर मजेदार कहानी के माध्यम से लेखक
ने बीजों –उनके अंकुरण—पौधा बनाने ---पौधों पर फूल आने—और अंत में फल आकर फिर बीज
बनने की प्रक्रिया के चक्र को बहुत खूबसूरती के साथ बयान किया है ।
यह कहानी तो बच्चों को आकर्षित और आनंदित करेगी ही साथ ही
इस्माइल लहरी द्वारा बनाये गए खूबसूरत चित्र और कवर पेज भी बच्चों को अपनी तरफ आकर्षित करेंगे ।बच्चे निश्चित रूप से इस कहानी
को पूरा पढ़े बिना छोड़ेंगे नहीं ।
आमतौर पर हिन्दी भाषा में
बच्चों के लिए अर्थ यानि धन से रिलेटेड विषयों यानि बैंक,बाजार,हमारे देश की
अर्थव्यवस्था जैसे विषयों को लेकर कहानियां या उपन्यास नहीं लिखे गए हैं। अन्य भारतीय भाषाओं के बारे में
मैं कह नहीं सकता । “माया वन में धन धना धन” समीर गांगुली द्वारा एक ऐसे ही विषय
को लेकर लिखा गया उपन्यास है ।दरअस्ल यह बच्चों की एक फैंटेसी है ।जिसके माध्यम से
शेयर बाजार,म्युचुअल फंड्स,शेयर की खरीदारी,म्युचुअल फंड में पैसे लगाने ,इन सभी
के नफे नुकसान और उनके टेक्नीकल शब्दों आदि की जानकारी बच्चों को दी गई है ।कथा के
मुख्य पात्र चार बच्चे –रिया,कोमल,एंडी और कबीर हैं ।जिन्हें एक आभासी कार द्वारा
शेयर मार्केट की आभासी दुनिया की सैर कराई गई है ।और इस सैर के माध्यम से ही रास्ते में उन्हें
शेयर मार्केट,म्युचुअल फंड,निवेश,नफ़ा-नुकसान के बारे में बताने की कोशिश की गई है
।
समीर जी का यह प्रयास सराहनीय है ।ऐसे विषयों पर भी बच्चों
के लिए किताबें लिखी जानी चाहिए ।इस किताब में कहानी को आगे बढ़ने का फार्मेट और
भाषा भी काफी सहज है ।कुल मिलकर यह बच्चों के लिए एक उपयोगी किताब है ।लेकिन मेरा
व्यक्तिगत तौर पर यह भी विचार है कि इस उपन्यास में कंटेंट की मात्र बहुत ज्यादा
है ।अब बच्चे इस कंटेंट में से कितना समझ सकेंगे कितना नहीं,कितना वो ग्रहण कर
सकेंगे ये तो कुछ बच्चों को यह किताब पढ़वाकर उनका फीड बैक लेकर ही पता लगाया जा
सकता है ।पूरी किताब एक तरह से देखा जाय तो प्रश्नोत्तर शैली में ही लिखी गई है
।इसमें आभासी कार में बैठे बच्चे हर नई चीज देख कर उसके बारे में प्रश्न पूछ रहे
और उनके साथ गई गाइड उनके हर प्रश्न का उत्तर देकर उन्हें समझा रही ।मुझे लगता है
समीर जी ने यदि इस उपन्यास में कंटेंट की मात्रा बीस प्रतिशत और मनोरंजन की मात्रा
अस्सी प्रतिशत रखी होती तो शायद यह किताब बच्चों के लिए और बेहतर बन सकती थी ।
“मिशन ग्रीन वार” की यदि हम बात करें तो यह एक बेहतरीन वैज्ञानिक उपन्यास है ।यह ख़ुशी की बात है कि अभी हाल में ही हरिकृष्ण देवसरे न्यास द्वारा समीर जी को इसी उपन्यास के लिए “डा०हरिकृष्ण देवसरे “पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जा रहा है।
इस उपन्यास में बाल और किशोर पाठकों को वर्त्तमान समय
की खेती में होने वाली समस्याओं से रूबरू
कराया गया है ।साथ ही बच्चों को भविष्य में होने वाली खेती,उसमें इस्तेमाल होने
वाली अनोखी तकनीकों,उनके प्रयोग से होने वाले फायदों को भी बताया गया है ।
उपन्यास की पूरी कथा वास्तु इसके मुख्या पात्रों—नरेश
,जुबिन, मोहन, शास्त्री सर,बैनर्जी सर,गौरी जोशी,अर्जुन आदि के इर्द गिर्द
घूमती है ।इस उपन्यास में बच्चों,किशोरों के लिए रहस्य, रोमांच, उत्सुकता –यानि एक बाल उपन्यास के सभी तत्व मौजूद हैं ।कृषि कालेज से शुरू
होकर उपन्यास की कहानी में कई उतर चढाव,कई मोड़ आते हैं और अंत में फिर कृषि कालेज
पहुँच कर उपन्यास की कहानी पूरी होती है ।बीच में घटित होने वाली घटनाएँ बच्चों के
अन्दर आगे की कहानी पढ़ने की उत्सुकता तो जगाती हैं साथ ही उन्हें रोमांच भी प्रदान
करती हैं ।उपन्यास की भाषा शैली बहुत सरल,सहज और प्रवाहमय है ।निश्चित ही समीर जी
का यह उपन्यास बाल और किशोर पाठकों को पढ़ने में आनंद आएगा ।
यहाँ मैं समीर जी द्वारा लिखे गए एक और मजेदार उपन्यास की
चर्चा करूंगा ।ये उपन्यास है भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित “रंगीली
बुलेट और वीर” ।यह अद्भुत उपन्यास है ।इसका मुख्य पात्र है वीर जो मुम्बई से गरमी
की एक महीने की छुट्टियाँ बिताने अपने पापा मम्मी के साथ अपने दद्दू फ़ौज से
रिटायर्ड ब्रिगेडियर के पास देहरादून के एक गांव में जाता है ।वीर के मम्मी पापा
तो एक हफ्ते बाद वहां से वापस लौट गए ।लेकिन वीर पूरे एक महीने तक उस खूबसूरत गांव
में रहता है ।
इस पूरे एक माह के प्रवास के दौरान उसने वहां बहुत कुछ देखा
बहुत कुछ समझा ।उसने देखा कि ब्रिगेडियर साहब ने किस तरह गांव वालों के सहयोग से
उस गांव को एक साफ़ सुथरा आदर्श गांव बना दिया था । उस गांव में वीर के कई नए दोस्त
भी बने ---रंगीली चिड़िया,बुलेट जैसा समझदार कुत्ता ,बातूनी पेड़,मेढक,टिड्डे और भी
बहुत से ।वीर रोज सबेरे सबेरे बुलेट और रंगीली के साथ गांव घूमने जाता ।अपने
दोस्तों के साथ रोज के इस भ्रमण के दौरान भी उसने बहुत कुछ देखा बहुत कुछ समझा
।हेलीकाप्टर “ड्रैगनफ्लाई”,की मजेदार उड़ान,कीट पतंगों का नाच ,गाना,बजाना,उड़ने
वाले मेढक और मछलियाँ,बंदरों की सभा,इन सभी के साथ गाँव का पारंपरिक मेला भी ।इन
सब में वीर को मजा,आनंद तो आया ही साथ ही बहुत सी सीख भी मिली ।
प्रकृति से प्रेम करने ,उसका संरक्षण करने,वन्य जीवों ,कीट –पतंगों
के प्रति दया और मित्रता का भाव रखने,पालतू जानवरों से मित्रता भाव रखने जैसी सीख
।कुल मिलाकर समीर गांगुली की यह किताब भी निश्चित रूप से बच्चों को आनंदित करने के
साथ ही बहुत कुछ सिखाएगी भी ।
समीर गांगुली की तीन किताबें और भी मेरी आलमारी से झाँक रही
हैं ।1-जेड जुइंग की डायरी 2- घड़ी घर के समय प्रहरी 3- एक गुलाबी भैंसा अलग सा ।ये
तीनों ही किताबें फ्लाईड्रीम पब्लिकेशन से प्रकाशित हुई हैं ।लेकिन अभी मैं इन्हें
पढ़ नहीं सका हूँ ।इसलिए इन पर चर्चा आगे कभी करूंगा ।
समीर गांगुली की अन्य किताबें भले ही अभी तक मैं पढ़ नहीं
पाया हूँ लेकिन पढूंगा तो जरुर ही ।फिलहाल यह कहने में मुझे कोई संकोच नहीं कि
समीर गांगुली के सम्पूर्ण बाल साहित्य के लेखन में विषयों की जो विविधता ,जो
प्रयोगधर्मिता और नवाचार दिखाई पड़ता है ।वह आज के समय के कम बाल साहित्य लेखकों
में देखने को मिलता है ।उनकी किताबें “एक था दाना अनजाना” हो या फिर “मिशन ग्रीन वार”,
“रंगीली बुलेट और वीर”,या फिर “माया वन में धन धना धन” ---सभी किताबें लीक से हटकर
एकदम नए नए विषयों पर लिखी गई कथा पुस्तकें हैं।आशा है समीर गांगुली भविष्य में भी
ऐसी ही प्रयोगधर्मिता अपनाते हुए अनछुए विषयों को अपने बाल कथा साहित्य में स्थान
देकर बाल साहित्य को समृद्ध करते रहेंगे ।
०००
डा०हेमन्त कुमार
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