शिक्षक दिवस पर ----मेरे मन में ---------
शनिवार, 5 सितंबर 2009
आज शिक्षक दिवस है। इस शुभ अवसर पर सभी शिक्षक बन्धुओं को हार्दिक बधाई । इस अवसर पर मैं अपने शिक्षक बन्धुओं खासकर प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों से कुछ अनुरोध करना चाहूंगा। कि ------
0बच्चों का मन बहुत कोमल होता है।
0इस उम्र में बच्चों के मन पर जो छाप पड़ती है वह जीवन पर्यन्त
उनके साथ बनी रहती है।
0इस उम्र में सीखी गयी बातें ही उन्हें ताउम्र अच्छाई और बुराई
का भेद करना सिखाती हैं।
0 यही वह उम्र है जब उनका सम्पूर्ण विकास हम कर सकते हैं।
इसीलिये आप
0अपने सभी शिष्यों (बच्चों ) से मित्रवत व्यवहार करें।
0उनके ऊपर दण्डात्मक कार्यवाई(मारना,पीटना,बेंच पर खड़े
कराना,मुर्गा बनाना आदि) न करके उन्हें हर बात प्यार से
समझायें।
0उनके खिलाफ़ कोई ऐसी कार्यवाई न करें जिसका बोझ उसे पूरी उम्र
भर अपने पीठ पर ढोना पड़े।
0उसे भी अपने ही परिवार का एक सदस्य मान कर उसके साथ
सयंमित भाषा एवं व्यवहार अपनायें।
तभी शायद हम
0 दे सकेंगे बच्चों को उनके अधिकार।
0 बना सकेंगे उनका उज्ज्वल भविष्य।
0रोक सकेंगे स्कूलों में ड्राप आउट रेट ।
0 पूरा कर सकेंगे बच्चों के साथ ही सम्पूर्ण साक्षरता का सपना।
0 और ला सकेंगे हर बच्चे के चेहरे पर वह मोहक मुस्कान ---
जिसका वह हकदार है।
माहौल स्कूलों का बना दें ऐसा
बच्चा महसूस करे घर जैसा।
****************
हेमन्त कुमार
0बच्चों का मन बहुत कोमल होता है।
0इस उम्र में बच्चों के मन पर जो छाप पड़ती है वह जीवन पर्यन्त
उनके साथ बनी रहती है।
0इस उम्र में सीखी गयी बातें ही उन्हें ताउम्र अच्छाई और बुराई
का भेद करना सिखाती हैं।
0 यही वह उम्र है जब उनका सम्पूर्ण विकास हम कर सकते हैं।
इसीलिये आप
0अपने सभी शिष्यों (बच्चों ) से मित्रवत व्यवहार करें।
0उनके ऊपर दण्डात्मक कार्यवाई(मारना,पीटना,बेंच पर खड़े
कराना,मुर्गा बनाना आदि) न करके उन्हें हर बात प्यार से
समझायें।
0उनके खिलाफ़ कोई ऐसी कार्यवाई न करें जिसका बोझ उसे पूरी उम्र
भर अपने पीठ पर ढोना पड़े।
0उसे भी अपने ही परिवार का एक सदस्य मान कर उसके साथ
सयंमित भाषा एवं व्यवहार अपनायें।
तभी शायद हम
0 दे सकेंगे बच्चों को उनके अधिकार।
0 बना सकेंगे उनका उज्ज्वल भविष्य।
0रोक सकेंगे स्कूलों में ड्राप आउट रेट ।
0 पूरा कर सकेंगे बच्चों के साथ ही सम्पूर्ण साक्षरता का सपना।
0 और ला सकेंगे हर बच्चे के चेहरे पर वह मोहक मुस्कान ---
जिसका वह हकदार है।
माहौल स्कूलों का बना दें ऐसा
बच्चा महसूस करे घर जैसा।
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हेमन्त कुमार