यह ब्लॉग खोजें

21वीं सदी का हिन्दी बाल साहित्य: आडियो,वीडियो कार्यक्रम इंटरनेट एवं डिजिटल पुस्तकें

शनिवार, 21 मई 2011

पिछले मार्च में नेशनल बुक ट्रस्ट इन्डिया ने वाराणसी के काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता विभाग में बाल साहित्य पर एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया था। उसमें मुझे भी आमन्त्रित किया गया था। मैंने वहां जो रिसर्च पेपर पढ़ा था उसे यथावत प्रकाशित कर रहा हूं। इसमें यदि बच्चों के किसी ब्लाग का लिंक रह गया हो तो आप सुझायें। मैं संशोधित कर दूंगा। क्योंकि नेशनल बुक ट्रस्ट सम्भवत:इस सेमिनार में प्रस्तुत पेपर्स को कम्पाइल करके पुस्तक रूप में प्रकाशित करेगा,जो कि बाल साहित्य पर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज रहेगा। 
 21वीं सदी का हिन्दी बाल साहित्य:
आडियो,वीडियो कार्यक्रम इंटरनेट एवं डिजिटल पुस्तकें

   इधर मुझे लगातार हिन्दी साहित्य से संबंधित कई सेमिनारों,संगोष्ठियों और समारहों में जाने का अवसर मिला।इन गोष्ठियों,सेमिनारों में खूब गरमागरम बहसें,साहित्यिक चर्चायें हुईं। हिन्दी साहित्य पर मंडरा रहे इण्टरनेट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के खतरों की बातें भी की गयीं। लेकिन ये चर्चायें काफ़ी आधी अधूरी सी लगीं।इनमें कुछ कमी खटक रही थी।और वह कमी थी हिन्दी के बाल साहित्य की चर्चा।
                     आज जबकि प्रचुर मात्रा में बाल साहित्य लिखा जा रहा है और प्रकाशित भी हो रहा है। ऐसे में किसी भी साहित्यिक सेमिनार,संगोष्ठी में बाल साहित्य की चर्चा न होना इस बात का द्योतक है कि आज भी हिन्दी में बाल साहित्य को साहित्य की श्रेणी में नहीं रखा जा रहा है।
                    आज बहुत खुशी की बात है कि नेशनल बुक ट्रस्ट की इकाई राष्ट्रीय बाल साहित्य केन्द्र ने हिन्दी बाल साहित्य पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया है।मुझे भी इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में लेख पढ़ने के लिये आमंत्रित किया गया इसके लिये मैं केन्द्र के संपादक श्री मानस का आभारी हूँ।
                    आडियो,वीडियो कार्यक्रम इंटरनेट एवं डिजिटल पुस्तकें -ये चारों ही माध्यम अलग होते हुए भी एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।अलग अस्तित्व वाले होते हुए भी आज के विकसित तकनीकी युग में हम इन्हें एकदम अलग करके इनका मूल्यांकन नहीं कर सकते।कारण यह कि उपरोक्त चारों माध्यमों में किसी पर भी काम करते हुए हमें अन्य तीनों माध्यमों की ज़रूरत भी पड़ती है और सहायता भी लेनी पड़ती है।
                  प्रश्न उठता है कैसे? मान लीजिये हम मुंशी प्रेमचन्द या पन्त जी के ऊपर किसी ब्लाग या डिजीटल बुक के लिये कोई कार्यक्रम बना रहे हैं तो हमें पंत जी का आडियो आकाशवाणी के या किसी अन्य संग्रहालय से ही मिल सकेगा।यदि हम महात्मा गांधी के ऊपर कोई मल्टीमीडिया कार्यक्रम बना रहे हैं तो उनके पुराने फ़ुटेज लेने के लिये हमें फ़िल्म आर्काइव या सूचना प्रसारण मंत्रालय की लाइब्रेरी तलाशनी ही पड़ेगी।इसीलिये इन माध्यमों को हम एकदम से अलग नहीं कर सकते।हां ये ज़रूर कह सकते हैं कि आडियो-वीडियो-इन्टरनेट- और डिजीटल या ई पुस्तकें हमारे इलेक्ट्रानिक माध्यम के बढ़ते चरण हैं।
              मैं पहले बात शुरू करूंगा आडियो कार्यक्रमों की।आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से अलग अलग आयु वर्ग के बच्चों के लिये बाल संघ,बाल जगत,नन्हें मुन्ने कार्यक्रमों का प्रसारण तो काफ़ी पहले से हो रहा था।इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन एवं शिक्षा दोनों ही था।इनमें बच्चों के लिये कहानियाँ,नाटक,कवितायें प्रसारित होते थे।इसके साथ ही इन कार्यक्रमों में बच्चों को भी अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करने का मौका दिया जाता था।1979 में सी आई..टी नई दिल्ली ने जयपुर एवं अजमेर के 500 स्कूलों के लिये भाषा शिक्षण की एक परियोजना की शुरूआत की ।इस कार्यक्रम का उद्देश्य भी बच्चों को पाठ्य पुस्तकों से अलग हटकर कहानियों,गीतों,नाटकों के माध्यम से भाषा की शिक्षा देना था।

          बाद में आकाशवाणी के अन्य केन्द्रों से भी शैक्षिक रेडियो कार्यक्रमों का प्रसारण होने लगा। एन.सी..आर.टी ,सी.आई..टी तथा उत्तर प्रदेश लखनऊ के एस.आई..टी ने भी बच्चों के लिये सैकड़ों रेडियो कार्यक्रमों का निर्माण एवं प्रसारण किया। इस क्रम मैं एन.सी..आर.टी नई दिल्ली,आकाशवाणी लखनऊ तथा बाल एवं महिला विकास विभाग(उप्र) द्वारा चलाये गये कार्यक्रम प्रोजेक्ट चीयर का भी उल्लेख मैं विशेष रूप से करना चाहूँगा।1992 में इस प्रोजेक्ट के अन्तर्गत 3-6 वर्ष के बच्चों के लिये 15 मिनट के लगभग 150 कार्यक्रमों का निर्माण करके उन्हें आकाशवाणी लखनऊ द्वारा फ़ुलबगियानाम के कार्यक्रम में प्रसारित किया गया। इस कार्यक्रम के लिये आलेख तैयार करने वाले लेखक थेडा0अरविन्द दुबे,रज्जन लाल,शकुन्तला वर्मा,दीक्षा नागर और डा0 हेमन्त कुमारकर्यक्रम के प्रस्तुतकर्ता थेश्री विजय बैनर्जी।15 मिनट अवधि का यह कार्यक्रम सप्ताह में दो बार प्रसारित होता था।फ़ुलबगिया कार्यक्रम की लोकप्रियता को देखते हुए ही बद में इसका प्रसारण  आकाशवाणी के पोर्ट ब्लेयर एवं उदयपुर,अजमेर आदि केन्द्रों से किया गया।इतना ही नहीं एन.सी..आर.टी ने इन कार्यक्रमों का संकलन तैयार करके विक्रय का भी प्रयास किया।

   सरकारी प्रयासों के साथ ही उसी के समानान्तर प्राईवेट कैसेट कंपनियों द्वारा भी बच्चों के लिये बालगीतों,कहानियों के आडियो कैसेट्स तैयार किये जा रहे थे।यद्यपि इनमें हिन्दी के कार्यक्रमों की संख्या कम और अंग्रेजी कार्यक्रमों की संख्या अधिक थी।
     इन्हीं रेडियो कार्यक्रमों की ही तरह दूरदर्शन पर भी बच्चों के लिये कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारंभ हुआ।दूरदर्शन पर बच्चों के लिये विक्रम बेताल,पंचतंत्र,एक दो तीन चार, चांद सितारे, दादा दादी की कहानियां जैसे अच्छे कार्यक्रम प्रसारित हुए।1986 से एस आई ई टी के लखनऊ,पटना केन्द्रों से बच्चों के लिये शैक्षिक वीडियो कार्यक्रमों का प्रसारण होने लगा।जबकि सी.आई..टी नई दिल्ली द्वारा निर्मित कार्यक्रम पहले से ही प्रसारित हो रहे थे।उनके केन्द्रों द्वारा हज़ारों वीडियो कार्यक्रमों का निर्माण एवं प्रसारण किया गया है।सी आई ई टी के मियां गुमसुम और बत्तो रानी,टर्रमटूं,बंदर और मगरमच्छ,घोड़े की कहानी,कैसे होती हैं आवाजें,तथा एस आई ई टी लखनऊ केनटखट मुर्गा,हीरे मोती की पत्तलें,शून्य,लाओ लाओ और लाओ,गीदड़ की रिपोर्ट,मुनिया ने सीखा जोड़,चूं चिरैया कैसे उड़ी---आदि कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हुये हैं।

       इसी क्रम में हम अगर इन्टरनेट और डिजिटल पुस्तकों या ई बुक्स की बात करें तो इन दोनों के माध्यम से भी बच्चों के लिये काफ़ी कुछ रचनात्मक हो रहा है। इन्टरनेट पर तो जहां बड़ों के लिये हज़ारों की संख्या में ब्लाग्स लिखे जा रहे हैं वहीं बच्चों के लिये भी बहुत सारे लेखक ब्लाग्स पर अच्छी रचनायें प्रकाशित कर रहे हैं। इन ब्लाग्स में कुछ का मैं यहाँ उल्लेख करना चाहूँगा। बच्चों के प्रमुख ब्लाग्स में परीकथा(कनाडा की मानसी चटर्जी),बाल सजग(कानपुर,सिरीष,महेश),नन्हें सुमन(रूप चन्द शास्त्री मयंक),आओ सीखें हिन्दी( रानी पात्रिक, अमेरिका),नन्हा मन(सीमा सचदेव),सरस पायस (रावेन्द्र रवि उत्तराखण्ड),बालसभा(कविता वाचक्नवी,लंदन),फ़ुलबगिया(हेमन्त कुमार),बालमन( ज़ाकिर अली रजनीश),मीठे बोल (रश्मि प्रभा),अभिव्यक्ति पत्रिका (शारजाह से पूर्णिमा बर्मन) और बालचर्चा मंच(खटीमा उत्तराखण्ड के डा0 रूपचन्द्र शास्त्री मयंक),बालदुनिया(आकांक्षा यादव,पोर्टब्लेयर) हैं।

         इन सभी ब्लाग्स में कुछ ब्लाग के लेखक सिर्फ़ अपनी कहानियां,बालगीत प्रकाशित कर रहे हैं। कुछ ब्लाग्स के लेखक अपने साथ ही अन्य लेखकों,गीतकारों की रचनाओं को भी प्रकाशित कर रहे हैं। चार ब्लागों का संचालक होने के नाते कम से कम मैंने बच्चों के इन सभी ब्लाग्स को पढ़ा है और मैं इतना दावे के साथ कह सकता हूं कि इन पर लिखा जा रहा बाल साहित्य प्रिण्ट में आ रहे बाल साहित्य से किसी भी दशा में कम नहीं आंका जा सकता।।बल्कि एक मायने में इसे हम ज्यादा समृद्ध कह सकते हैं।वो यह कि चूंकि नेट पर गूगल ने ब्लाग्स की सुविधा अभी तक नि:शुल्क रखी है इसलिये ज्यादातर ब्लागर बच्चों के ब्लाग्स में रचनायें काफ़ी सजा संवारकर प्रकाशित कर रहे हैं।और इसमें योगदान गूगल (स्पेस देने के लिये) और ब्लागर्स का है जो कि एक कहानी या बालगीत को इतने आकर्षक और प्रभावशाली ढंग से प्रकाशित कर रहे हैं।

         नेट पर उपलब्ध इन ब्लाग्स के अलावा भी कई वेबसाइट्स बालसाहित्य के संकलन का कार्य कर रही हैं।यद्यपि इन  वेबसाइट्स का उद्देश्य व्यवसायिक ज़्यादा है। मतलब कि वे अपनी वेबसाइट पर जो भी सामग्री रख रहे हैं उसे मूल्य देकर ही खरीदना होगा।फ़िर भी वे नेट पर वेबसाइट्स तो उपलब्ध करवा ही रहे हैं

  अब बात आती है डिजीटल पुस्तकों की। तो जैसा कि मैं पहले ही उल्लेख किया है कि कई वेबसाइट्स बच्चों की कहानियों,बालगीतों, या नाटकों को ई-बुक का स्वरूप देकर नि:शुल्क या सशुल्क पाठकों को अपलब्ध करवा रही हैं। ऐसी वेबसाइट्स में कुछ का उल्लेख मैं यहां करूँगा।
               सबसे पहली और मेरी दृष्टि में अच्छी वेबसाइट जिसका उल्लेख मैं करना चाहूँगा वो है-
1-      www.akhlesh.com- इस वेबसाइट पर बच्चों के लिये तैयार अल्फ़ाबेट्स(हिन्दी अंग्रेज़ी दोनों में),हिन्दी कहानियां,नर्सरी राइम्स और एक किताब देशभक्ति के गीतों की है।
2-      दूसरी महत्वपूर्ण साइट है-  ArvindGuptasToysBooksGallery
      इस वेबसाइट पर डा0 अरविन्द गुप्ता ने विज्ञान को विज्ञान को बच्चों के दैनिक जीवन से जोड़ कर प्रस्तुत किया है। इस वेबसाइट की उल्लेखनीय ई-पुस्तकें हैं-1सेवाग्राम से शोधग्राम तक(डा0 अभय बैंग) 2-साफ़ माथे का समाज( अनुपम मिश्र) 3-दीवार का इस्तेमाल(कृष्ण कुमार) 4-चार्ल्स डार्विन की आत्मकथा 5-मन के लड्डू (बांग्ला लोककथा)

6-पेब्लस इन्फ़ोटेक मुंबई की- Dovemulti mediaLtd
        प्राइवेट वेबसाइट्स के अलावा भी इधर 2008 में मानव संसाधन मंत्रालय के शिक्षा विभाग ने पूरे देश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिये इण्टरऐक्टिव सी डी का निर्माण भी करवाया है।ये इण्टरऐक्टिव सी डी हिन्दी बेल्ट के छात्रों के लिये सी.आई..टी नई दिल्ली और एस.आई..टी लखनऊ ने तैयार की है।कुछ राज्यों में ये इण्टरऐक्टिव सी डी प्राइवेट कंपनियों से भी तैयार करवाई जा रही हैं।इसके साथ ही हर राज्य अपने प्रादेशिक भाषाओं में भी ऐसी सी डी तैयार करवा रहे हैं।उनका उद्देश्य यही है कि बच्चा खुद सीडी देखकर पाठ/कहानी पढ़ सके और उसका लाभ उठा सके।

   यदि हम बाल साहित्य की दृष्टि से पिछले दशक में निर्मित आडियो/वीडियो कार्यक्रमों तथा इण्टरनेट और ई-बुक्स पर नज़र डालें तो पाएँगे कि इस दिशा में काफ़ी कुछ नया काम हुआ है और हो रहा है।परन्तु एक सबसे बड़ी दिक्कत जो हमारे समक्ष है और हमें इस समस्या को गंभीरता से लेकर इसका निदान सोचना होगा वह यह है की बच्चों तक इनकी पहुंच कैसे बनाई जाये?

क्योंकि न तो हर बच्चे के पास रेडियो टू इन वन सेट है,न उसे दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रमों को देखने के लिये टीवी है/फ़िर कंप्यूटर और इण्टरनेट तक उसे हम कैसे पहुंचाएं?

       चूंकि मैं रेडियो पर बतौर लेखक और शैक्षिक दूरदर्शन पर कार्यक्रम निर्माता के रूप में पिछले 25 वर्षों से जुड़ा हूँ तो मैं इन कार्यक्रमों की पहुंच के बारे में भली भांति जानता हूं।मुझे लगता है कि जितना प्रयास हमारी सरकार आडियो/वीडियो , कार्यक्रमों,इण्टरऐक्टिव सी डी या डिजीटल पुस्तकों के निर्माण के लिये कर रही हैं उससे कहीं ज़्यादा प्रयास और मेहनत इन सामग्रियों को बच्चों तक पहुंचाने का भी करें तभी इलेक्ट्रानिक माध्यमों के कार्यक्रमों को सफ़ल बनाया जा सकेगा।
                                                           -----
बच्चों के चर्चित और पठनीय ब्लाग्स----
7-Balcharchamanch— http://mayankkhatima.blogspot.com
9-abhivyakti patrika— www.abhivyakti-hindi.org
10-Ao sikhen hindi— http://aoseekhenhindi.blogspot.com
                                            0000
 हेमन्त कुमार

Read more...

लेबल

. ‘देख लूं तो चलूं’ "आदिज्ञान" का जुलाई-सितम्बर “देश भीतर देश”--के बहाने नार्थ ईस्ट की पड़ताल “बखेड़ापुर” के बहाने “बालवाणी” का बाल नाटक विशेषांक। “मेरे आंगन में आओ” ११मर्च २०१९ ११मार्च 1mai 2011 2019 अंक 48 घण्टों का सफ़र----- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अण्डमान का लड़का अनुरोध अनुवाद अभिनव पाण्डेय अभिभावक अम्मा अरुणpriya अर्पणा पाण्डेय। अशोक वाटिका प्रसंग अस्तित्व आज के संदर्भ में कल आतंक। आतंकवाद आत्मकथा आनन्द नगर” आने वाली किताब आबिद सुरती आभासी दुनिया आश्वासन इंतजार इण्टरनेट ईमान उत्तराधिकारी उनकी दुनिया उन्मेष उपन्यास उपन्यास। उम्मीद के रंग उलझन ऊँचाई ॠतु गुप्ता। एक टिपण्णी एक ठहरा दिन एक तमाशा ऐसा भी एक बच्चे की चिट्ठी सभी प्रत्याशियों के नाम एक भूख -- तीन प्रतिक्रियायें एक महत्वपूर्ण समीक्षा एक महान व्यक्तित्व। एक संवाद अपनी अम्मा से एल0ए0शेरमन एहसास ओ मां ओडिया कविता ओड़िया कविता औरत औरत की बोली कंचन पाठक। कटघरे के भीतर कटघरे के भीतर्। कठपुतलियाँ कथा साहित्य कथावाचन कर्मभूमि कला समीक्षा कविता कविता। कविताएँ कवितायेँ कहां खो गया बचपन कहां पर बिखरे सपने--।बाल श्रमिक कहानी कहानी कहना कहानी कहना भाग -५ कहानी सुनाना कहानी। काफिला नाट्य संस्थान काल चक्र काव्य काव्य संग्रह किताबें किताबों में चित्रांकन किशोर किशोर शिक्षक किश्प्र किस्सागोई कीमत कुछ अलग करने की चाहत कुछ लघु कविताएं कुपोषण कैंसर-दर-कैंसर कैमरे. कैसे कैसे बढ़ता बच्चा कौशल पाण्डेय कौशल पाण्डेय. कौशल पाण्डेय। क्षणिकाएं क्षणिकाएँ खतरा खेत आज उदास है खोजें और जानें गजल ग़ज़ल गर्मी गाँव गीत गीतांजलि गिरवाल गीतांजलि गिरवाल की कविताएं गीताश्री गुलमोहर गौरैया गौरैया दिवस घर में बनाएं माहौल कुछ पढ़ने और पढ़ाने का घोसले की ओर चिक्कामुनियप्पा चिडिया चिड़िया चित्रकार चुनाव चुनाव और बच्चे। चौपाल छिपकली छोटे बच्चे ---जिम्मेदारियां बड़ी बड़ी जज्बा जज्बा। जन्मदिन जन्मदिवस जयश्री राय। जयश्री रॉय। जागो लड़कियों जाडा जात। जाने क्यों ? जेठ की दुपहरी टिक्कू का फैसला टोपी ठहराव ठेंगे से डा० शिवभूषण त्रिपाठी डा0 हेमन्त कुमार डा०दिविक रमेश डा0दिविक रमेश। डा0रघुवंश डा०रूप चन्द्र शास्त्री डा0सुरेन्द्र विक्रम के बहाने डा0हेमन्त कुमार डा0हेमन्त कुमार। डा0हेमन्त कुमार्। डॉ.ममता धवन डोमनिक लापियर तकनीकी विकास और बच्चे। तपस्या तलाश एक द्रोण की तितलियां तीसरी ताली तुम आए तो थियेटर दरख्त दरवाजा दशरथ प्रकरण दस्तक दिशा ग्रोवर दुनिया का मेला दुनियादार दूरदर्शी देश दोहे द्वीप लहरी नई किताब नदी किनारे नया अंक नया तमाशा नयी कहानी नववर्ष नवोदित रचनाकार। नागफ़नियों के बीच नारी अधिकार नारी विमर्श निकट नियति निवेदिता मिश्र झा निषाद प्रकरण। नेता जी नेता जी के नाम एक बच्चे का पत्र(भाग-2) नेहा शेफाली नेहा शेफ़ाली। पढ़ना पतवार पत्रकारिता-प्रदीप प्रताप पत्रिका पत्रिका समीक्षा परम्परा परिवार पर्यावरण पहली बारिश में पहले कभी पहले खुद करें–फ़िर कहें बच्चों से पहाड़ पाठ्यक्रम में रंगमंच पार रूप के पिघला हुआ विद्रोह पिता पिता हो गये मां पिताजी. पितृ दिवस पुण्य तिथि पुण्यतिथि पुनर्पाठ पुरस्कार पुस्तक चर्चा पुस्तक समीक्षा पुस्तक समीक्षा। पुस्तकसमीक्षा पूनम श्रीवास्तव पेड़ पेड़ बनाम आदमी पेड़ों में आकृतियां पेण्टिंग प्यारा कुनबा प्यारी टिप्पणियां प्यारी लड़की प्यारे कुनबे की प्यारी कहानी प्रकृति प्रताप सहगल प्रतिनिधि बाल कविता -संचयन प्रथामिका शिक्षा प्रदीप सौरभ प्रदीप सौरभ। प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक शिक्षा। प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव। प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव. प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव। प्रेरक कहानी फ़ादर्स डे।बदलते चेहरे के समय आज का पिता। फिल्म फिल्म ‘दंगल’ के गीत : भाव और अनुभूति फ़ेसबुक बंधु कुशावर्ती बखेड़ापुर बचपन बचपन के दिन बच्चे बच्चे और कला बच्चे का नाम बच्चे का स्वास्थ्य। बच्चे पढ़ें-मम्मी पापा को भी पढ़ाएं बच्चे। बच्चों का विकास और बड़ों की जिम्मेदारियां बच्चों का आहार बच्चों का विकास बच्चों को गुदगुदाने वाले नाटक बदलाव बया बहनें बाघू के किस्से बाजू वाले प्लाट पर बादल बारिश बारिश का मतलब बारिश। बाल अधिकार बाल अपराधी बाल दिवस बाल नाटक बाल पत्रिका बाल मजदूरी बाल मन बाल रंगमंच बाल विकास बाल साहित्य बाल साहित्य प्रेमियों के लिये बेहतरीन पुस्तक बाल साहित्य समीक्षा। बाल साहित्यकार बालवाटिका बालवाणी बालश्रम बालिका दिवस बालिका दिवस-24 सितम्बर। बीसवीं सदी का जीता-जागता मेघदूत बूढ़ी नानी बेंगाली गर्ल्स डोण्ट बेटियां बैग में क्या है ब्लाइंड स्ट्रीट ब्लाग चर्चा भजन भजन-(7) भजन-(8) भजन(4) भजन(5) भजनः (2) भद्र पुरुष भयाक्रांत भारतीय रेल मंथन मजदूर दिवस्। मदर्स डे मनीषियों से संवाद--एक अनवरत सिलसिला कौशल पाण्डेय मनोविज्ञान महुअरिया की गंध मां माँ मां का दूध मां का दूध अमृत समान माझी माझी गीत मातृ दिवस मानस मानस रंजन महापात्र की कविताएँ मानस रंजन महापात्र की कवितायेँ मानसी। मानोशी मासूम पेंडुकी मासूम लड़की मुंशी जी मुद्दा मुन्नी मोबाइल मूल्यांकन मेरा नाम है मेराज आलम मेरी अम्मा। मेरी कविता मेरी रचनाएँ मेरे मन में मोइन और राक्षस मोनिका अग्रवाल मौत के चंगुल में मौत। मौसम यात्रा यादें झीनी झीनी रे युवा रंगबाजी करते राजीव जी रस्म मे दफन इंसानियत राजीव मिश्र राजेश्वर मधुकर राजेश्वर मधुकर। राधू मिश्र रामकली रामकिशोर रिपोर्ट रिमझिम पड़ी फ़ुहार रूचि लगन लघुकथा लघुकथा। लड़कियां लड़कियां। लड़की लालटेन चौका। लिट्रेसी हाउस लू लू की सनक लेख लेख। लेखसमय की आवश्यकता लोक चेतना और टूटते सपनों की कवितायें लोक संस्कृति लोकार्पण लौटना वनभोज वनवास या़त्रा प्रकरण वरदान वर्कशाप वर्ष २००९ वह दालमोट की चोरी और बेंत की पिटाई वह सांवली लड़की वाल्मीकि आश्रम प्रकरण विकास विचार विमर्श। विश्व पुतुल दिवस विश्व फोटोग्राफी दिवस विश्व फोटोग्राफी दिवस. विश्व रंगमंच दिवस व्यंग्य व्यक्तित्व व्यन्ग्य शक्ति बाण प्रकरण शब्दों की शरारत शाम शायद चाँद से मिली है शिक्षक शिक्षक दिवस शिक्षक। शिक्षा शिक्षालय शैलजा पाठक। शैलेन्द्र श्र प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव स्मृति साहित्य प्रतियोगिता श्रीमती सरोजनी देवी संजा पर्व–मालवा संस्कृति का अनोखा त्योहार संदेश संध्या आर्या। संवाद जारी है संसद संस्मरण संस्मरण। सड़क दुर्घटनाएं सन्ध्या आर्य सन्नाटा सपने दर सपने सफ़लता का रहस्य सबरी प्रसंग सभ्यता समय समर कैम्प समाज समीक्षा। समीर लाल। सर्दियाँ सांता क्लाज़ साक्षरता निकेतन साधना। सामायिक सारी रात साहित्य अमृत सीता का त्याग.राजेश्वर मधुकर। सुनीता कोमल सुरक्षा सूनापन सूरज सी हैं तेज बेटियां सोन मछरिया गहरा पानी सोशल साइट्स स्तनपान स्त्री विमर्श। स्मरण स्मृति स्वतन्त्रता। हंस रे निर्मोही हक़ हादसा। हाशिये पर हिन्दी का बाल साहित्य हिंदी कविता हिंदी बाल साहित्य हिन्दी ब्लाग हिन्दी ब्लाग के स्तंभ हिम्मत हिरिया होलीनामा हौसला accidents. Bअच्चे का विकास। Breast Feeding. Child health Child Labour. Children children. Children's Day Children's Devolpment and art. Children's Growth children's health. children's magazines. Children's Rights Children's theatre children's world. Facebook. Fader's Day. Gender issue. Girl child.. Girls Kavita. lekh lekhh masoom Neha Shefali. perenting. Primary education. Pustak samikshha. Rina's Photo World.रीना पीटर.रीना पीटर की फ़ोटो की दुनिया.तीसरी आंख। Teenagers Thietor Education. World Photography day Youth

हमारीवाणी

www.hamarivani.com

ब्लागवार्ता


CG Blog

ब्लागोदय


CG Blog

ब्लॉग आर्काइव

कुल पेज दृश्य

  © क्रिएटिव कोना Template "On The Road" by Ourblogtemplates.com 2009 and modified by प्राइमरी का मास्टर

Back to TOP