घोसले की ओर
गुरुवार, 12 नवंबर 2009
आसमान आज साफ़ है
धूप भी अच्छी निकली है
कुर्सियां भी कुछ
खाली पड़ी हैं
दफ़्तर के लान में।
आओ हम बैठें
खाली कुर्सियों पर
चाय की चुस्कियों और
मूंगफ़ली की सोंधी महक के बीच
आसमान में उड़ती हुई चीलों को गिनें।
या फ़िर चर्चायें करें
करें कुछ लफ़्फ़ाजी
किस अफ़सर ने
किस स्टैनो को
बुलाया घर पर कितनी बार।
मिस्टर कपूर को
इश्यू हुये
मेमो कितनी बार
मिसेज पवार को
चौथी डिलेवरी
होनी है इस बार।
इन्हीं चर्चाओं और लफ़्फ़ाजियों में
घड़ियाल की सुई
बजा देगी पांच
और हम
दौड़ पड़ेंगे
अपने घरों की ओर
जैसे भागती है बया
घोसले की ओर।
000
हेमन्त कुमार
धूप भी अच्छी निकली है
कुर्सियां भी कुछ
खाली पड़ी हैं
दफ़्तर के लान में।
आओ हम बैठें
खाली कुर्सियों पर
चाय की चुस्कियों और
मूंगफ़ली की सोंधी महक के बीच
आसमान में उड़ती हुई चीलों को गिनें।
या फ़िर चर्चायें करें
करें कुछ लफ़्फ़ाजी
किस अफ़सर ने
किस स्टैनो को
बुलाया घर पर कितनी बार।
मिस्टर कपूर को
इश्यू हुये
मेमो कितनी बार
मिसेज पवार को
चौथी डिलेवरी
होनी है इस बार।
इन्हीं चर्चाओं और लफ़्फ़ाजियों में
घड़ियाल की सुई
बजा देगी पांच
और हम
दौड़ पड़ेंगे
अपने घरों की ओर
जैसे भागती है बया
घोसले की ओर।
000
हेमन्त कुमार
10 टिप्पणियाँ:
achchi kavita
hatne ke andaj me bahut kareeb
se baten rakh di gayi hain .
thanxxxx...
Bahut khub.Din gujar gaya jaise hatho se vakta fisal gaya.
सटीक रचना!
सही चित्रण ..... होता है यही , इसकी-उसकी बात
और समय समाप्त .....
मै भी यही कहुंगा कि सटिक चित्रण !
sateek rachana
wah....
janha ho rahee ho kanhee par gappe .
kya mazal kisee kee aankh zara jhape .
Sarkaari daftar ki yaad taza karaati rachna hai ...
Sateek aur sachhaa dreshy kaincha hai aapne ....
मिस्टर कपूर को
इश्यू हुये
मेमो कितनी बार
मिसेज पवार को
चौथी डिलेवरी
होनी है इस बार।
वाह जी कहाँ की कहाँ सोच ......बहुत खूब ....!!
Is anuthi rachna ke liye badhai swikar karen.
sarkari dafter ka achha charitra chitrann hai hemantji.mere blog per aane aur anusarann karne ka shukriya.
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