प्राथमिक शिक्षा से जुड़े हर व्यक्ति के लिये पठनीय पत्रिका-खोजें और जानें
मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015
खोजें और जानें
संपादक मंडल
विश्व विजया सिंह
वीरेन्द्र शर्मा
लक्ष्मी लाल वैरागी
पुष्पराज सिंह राणावत
राजेश उत्साही
कुमार अनुपम
जया राठौड़
पत्रिका का पता:
विद्या भवन शिक्षा सन्दर्भ केन्द्र
विद्या भवन सोसायटी परिसर,
मोहन सिंह मेहता मार्ग
फ़तहपुरा,उदयपुर(राजस्थान)—313001
फ़ोन-0294-2451497
पिछले दिनों मुझे प्राथमिक शिक्षा से जुड़े
सरोकारों वाली पत्रिका “खोजें और
जानें”के दस अंकों को पढ़ने
का मौका मिला।इन सभी अंकों को पढ़ना मेरे लिये अपने देश की प्राथमिक शिक्षा
व्यवस्था के बीच से गुजरने जैसा था।
“खोजें और जानें” का हर अंक प्राथमिक शिक्षा और बच्चों से जुड़े किसी न
किसी मुद्दे पर केन्द्रित है।यह पत्रिका जितनी उपयोगी शिक्षकों के लिये है उतनी ही
अभिभावकों या प्राथमिक शिक्षा से जुड़े हर व्यक्ति के लिये। क्योंकि इसमें बहुत से लेख,कहानियां शिक्षकों
के अपने अनुभवों और बच्चों के साथ सीखने सिखाने की प्रक्रिया के दौरान कक्षा में
किये गये प्रयोगों,बातचीत पर आधारित हैं।जिससे शिक्षक,अभिभावक या बाल साहित्य लेखक
भी लाभान्वित होंगे।वो बच्चों की आवश्यकताओं के साथ ही उनके मनोभावों को भी समझ
सकेंगे।कविताएं हैं जो पाठकों के सामने समाज की सच्चाइयां भी रखती हैं।अध्यापकों के लिये
निर्देश भी हैं जो उन्हें बच्चों के मनोभावों को समझने में मदद करेंगे।
“तो ऐसा करो तुम सब
जो पत्तियां अपने साथ लाये हो उनको अलग-अलग गुण धर्मों के आधार पर समूह बनाते हुये
कागज की शीट पर जमाकर चिपकाओ।“
मास्साब थोड़ा रुक कर बोले—“जैसे कि चिकनी पत्ती,नुकीली पत्ती।”लच्छू अचानक खड़े होकर एक ही सांस में बोला—जैसे कि दूध वाली पत्ती।”
मास्साब ने कहा-“शाबाश।”
रघु बोला—जैसे कि कटे किनारे वाली पत्ती।”
मास्साब के चेहरे पर
खुशी थी।
भोली राम बोला-एक
तरफ़ चिकनी दूसरी तरफ़ खुरदुरी।”
मास्साब हंसते जा रहे थे।
शाकिर-खुशबूदार
पत्ती।
मास्साब—बिल्कुल थीक।
डमरू-पीली
पत्ती।----।”
यह अध्यापक और बच्चों के बीच कक्षा में चल
रही बात चीत का एक हिस्सा भर है।इसमें न बच्चों के सर पर पढ़ाई का बोझ है न अध्यापक
की मार का भय। न शिक्षक के ऊपर पढ़ाने का दबाव न ही न सिखा,समझा पाने की खीझ।
अध्यापक ने नही बच्चों को रट्टा लगवाने की कोशिश की,न निबन्ध लिखवाया।न कोई बच्चा
मुर्गा बनाया गया,न ही किसी को मार पड़ी।फ़िर भी सब सीख रहे समझ रहे और दनादन जवाब
भी देते जा रहे।बच्चे भी खुश शिक्षक भी। पर ऐसा हुआ कैसे?
सिर्फ़ पढ़ाने और सिखाने का थोड़ा सा तरीका बदल
देने से। अध्यापक ने सिर्फ़ इतना किया कि बच्चों को कक्षा से बाहर ले गये।खेतों,पेड़
पौधों के बीच घुमाया।उन्हें तरह तरह के पौधे दिखाए पत्तियां दिखायीं।उनकी संरचना
समझाई।सिर्फ़ समझाया ही नहीं बल्कि बच्चों से कहा कि वो पत्तियां देख कर खुद
समझें।फ़िर बच्चों से तरह–तरह की
पत्तियां इकट्ठी करवाईं।और कक्षा में लौटकर उनसे ही खेल खेल में पत्तियों का
वर्गीकरण भी करवा दिया।
अब हम सभी को समझना चाहिये कि पढ़ाने का कौन सा
तरीका बेहतर है?इस अध्यापक द्वारा अपनाया गया गतिविधियों से पूर्ण मनोरंजक
तरीका?या फ़िर रटवाने,पेड़-पौधों पर निबन्ध लिखवाने उनको डांट डपट कर सिखाने का?उस
प्रक्रिया से तो बच्चा भय से सिर्फ़ रट्टा लगा लेगा।पर सीखेगा कुछ भी नहीं यह
निश्चित है।जबकि”खोजें और जानें” के लेख में दिये गये तरीके को अपनाने से
बच्चों का मनोरंजन भी होगा,वह खुद करके अपने अनुभवों से तथ्यों को समझेगा,साथ ही
जो बातें सीखेगा वो भविष्य के लिये उसके मस्तिष्क में
संरक्षित भी होंगी।
ये तो इस पत्रिका के पर्यावरण विशेषांक
का सिर्फ़ एक उदाहरण भर है।इसी तरह पत्रिका का हर अंक हमारी प्राथमिक शिक्षा से
सीधे जुड़े विभिन्न मुद्दों और—“सेवापूर्व
एवं सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण”,“बालिका शिक्षा दशा और दिशा”,“सामाजिक विज्ञान शिक्षण”,”अभिव्यक्ति”,”समावेशी
शिक्षा की चुनौतियां”,जैसे
महत्वपूर्ण सरोकारों पर केन्द्रित हैं।जो निश्चित ही हमारे शिक्षकों,अभिभावकों,बाल
साहित्यकारों,या बच्चों के लिये काम करने वाली स्वयंसेवी/सरकारी संस्थाओं—सभी के लिये उपयोगी होंगे।उनकी सोच को नयी
दिशा देने में कामयाब होंगे।शिक्षकों द्वारा एक ही लीक पर चलाये जा रहे शिक्षण
के पारम्परिक तरीकों को बदल सकेंगे।
“खोजें और जानें” पत्रिका
हर शिक्षक,अभिभावक के हाथों में पहुंच सके ऐसी कोशिश होनी चाहिये।तभी इस पत्रिका
को प्रकाशित करने
की सार्थकता होगी।पत्रिका के बहुत ही उपयोगी विषय वस्तु चयन,सम्पादन और प्रकाशन के
लिये सम्पादक मण्डल को हार्दिक बधाई।
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डा0हेमन्त कुमार
2 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 26-02-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1901 में दिया जाएगा
धन्यवाद
आयुर्वेदा, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योगा, लेडीज ब्यूटी तथा मानव शरीर
http://www.jkhealthworld.com/hindi/
आपकी रचना बहुत अच्छी है। Health World यहां पर स्वास्थ्य से संबंधित कई प्रकार की जानकारियां दी गई है। जिसमें आपको सभी प्रकार के पेड़-पौधों, जड़ी-बूटियों तथा वनस्पतियों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ने को मिलेगा। जनकल्याण की भावना से इसे Share करें या आप इसको अपने Blog or Website पर Link करें।
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