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हिन्दी ब्लाग के स्तंभ(2)

बुधवार, 9 फ़रवरी 2011

हिन्दी में अन्तर्जाल पर बहुत कुछ लिखा जा रहा है और काफ़ी अच्छा लिखा जा रहा है। यहां मैं उन कुछ खास ब्लाग्स की चर्चा कर रहा हूं जहां पहुंच कर आपको निश्चित रूप से पाठकीय सन्तुष्टि का अनुभव होगा।
(1) चवन्नी चैपपूरे भारतीय फ़िल्म उद्योग का लेखा जोखा:
          यदि आप की रुचि हिन्दी सिर्फ़ हिन्दी फ़िल्मों में न होकर उसे गहरायी तक जानने और महसूस करने की है तो आपको यह ब्लाग जरूर पढ़ना चाहिये। इस ब्लाग के लेखक प्रसिद्ध फ़िल्म समीक्षक और पत्रकार अजय ब्रह्मात्म्ज हैं।
       इस ब्लाग में आपको फ़िल्मी दुनिया से जुड़ी हर खबर पढ़ने को मिल जायेगी। चाहे वह बड़े फ़िल्मी सितारों का जीवन हो या फ़िर नयी फ़िल्मों की समीक्षा। हमारा पूरा फ़िल्म संसार ही एक अलग तरह का ग्लैमर वर्ल्ड है। यहां के बारे में हर आम आदमी जानने और इसे समझने के लिये उत्सुक रहता है। यहां आम आदमी के नजरिये से ही फ़िल्मी दुनिया को देखा गया है।
                                    इस ब्लाग में आपको फ़िल्मी सितारों,निर्देशकों,लेखकों,गीतकारों,कैमरामैन्स,रिकार्डिस्ट,एडिटर यानि फ़िल्म से जुड़े हर व्यक्ति  की जीवनी,आत्मकथायें,साक्षात्कार पढ़ने को मिलेगा तो दूसरी ओर फ़िल्मों की समीक्षायें। मल्टीप्लेक्स कल्चर मिलेगी तो दूसरी ओर पुराने फ़िल्मी टाकीज के बारे में लोगों के रोचक संस्मरण। नयी और पुरानी फ़िल्मों का ऐसा अनूठा सम्मेलन आपको बार बार इस ब्लाग पर जाने को प्रेरित करेगा। इतना ही नहीं यहां आपको फ़िल्मी सितारों के साथ ही फ़िल्म से जुड़े तमाम लोगों के ब्लाग लिंक्स भी मिलेंगे जिनके माध्यम से आप उनसे सीधे संवाद बना सकते हैं। कुल मिला कर इस ब्लाग को हम अगर एक फ़िल्मी दुनिया का म्युजियम या इन्साइक्लोपीडिया कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
(2)कथाचक्र---प्रिण्ट को नेट पर लाने की अच्छी कोशिश:
      हिन्दी में इस समय दो स्थानों पर काफ़ी कुछ लिखा जा रहा है।प्रिण्ट की
      छोटी बड़ी   पत्रिकाओं में,तथा नेट पर ब्लाग्स,अन्तर्जाल की पत्रिकाओं पर।
      लेकिन दोनों के लेखक पाठक एक दूसरे से अपरिचित हैं। इन्हीं दोनों स्थानों
      के साहित्य प्रेमियों(लेखकों,पाठकों दोनों)को करीब लाने का अनूठा प्रयास है कथाचक्र।
      इस ब्लाग के लेखक हैं श्री अखिलेश शुक्ल जी।इनका प्रयास यही है कि नेट के लेखकों
     और पाठकों को प्रिण्ट में प्रकाशित होने वाली पत्रिकाओं,उनके स्वरूप,कलेवर,कथ्य,और
     साथ ही लेखकों से रूबरू कराया जाय।अखिलेश जी का प्रयास सराहनीय है,सफ़ल भी
      है।
                    इनके इस ब्लाग पर आपको देश भर की सभी स्थापित पत्रिकाओं के साथ ही उन नयी पत्रिकाओं की भी जानकारी मिलेगी जो अभी शैशवावस्था में हैं।यह ब्लाग आने वाले समय में खास तौर हिन्दी साहित्य के शोध छात्रों के लिये काफ़ी उपयोगी साबित होगा। अखिलेश जी के इस ब्लाग पर उपलब्ध सामग्री निश्चित रूप से शोध छात्रों के लिये एक  संसाधन केन्द्र का काम करेगी।

(3)कन्धे से कन्धा कदम से कदम
   मिला कर चलने का नारी में है दम।
                       जी हां,नारी ब्लाग कुछ ऐसी ही ख्वाहिशों और भावनाओं से जुड़ी महिलाओं का एक मंच है।यह महिलाओं का पहला बाईलिन्गुअल कम्युनिटी ब्लाग है। खास बात यह है कि इस ब्लाग पर केवल महिलायें ही लिखती हैं।शायद इसलिये कि वो अपनी वैचारिक स्वतत्रता में पुरुषों को बाधक मानती हों।  इस ब्लाग से लगभग 50 के आस पास महिला ब्लागर्स जुड़ी हैं जो इस मंच पर अपनी आवाज को बुलन्द करती हैं।
           इस ब्लाग पर आपको नारी अस्तित्व से जुड़े हर मुद्दे पर सामग्री मिलेगी। चाहे वह दहेज की समस्या हो या प्रताड़ना की।यहां आपको छेड़छाड़,लैंगिक समानता,नारी सशक्तीकरण,नारी अधिकार मतलब महिलाओं से जुड़ा हर वो मुद्दा मिलेगा जिसकी आज के समाजशास्त्री,बुद्धिजीवी बात करते हैं। इस ब्लाग में जहां इतिहास रचने वाली महिलाओं की जीवनियां,साक्षात्कार हैं वहीं महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले प्रेरक प्रसंग भी हैं। इस ब्लाग पर लिखी गयी 600 से अधिक पोस्टें इस बात का प्रतीक हैं कि आज की नारी कितनी जागरूक और संघर्षशील है अपने अधिकारों के प्रति,जीवन को बेहतर बनाने के प्रति और समाज में स्वयं को स्थापित करने के प्रति।
(4)अनजाने लोगों के बीच अपनेपन की खोज:
       अनजाना शहर अजनबी लोगऐसा ब्लाग है जिसमें हमें जीवन के हर रंग दिखाई पड़ते हैं।ब्लाग में एक तरफ़ मन को छूने वाली भावनात्मक कवितायें हैं,दूसरी ओर यथार्थ परक कहानियां।कविताओं के माध्यम से आशु ने विदेश में अपनों से दूर रहने के दर्द को उकेरा दूसरी ओर उनकी कविताओं में भारत की माटी का सोंधापन महसूस किया जा सकता है।ब्लाग लेखक आशु कोई कवि ,लेखक या पत्रकार नहीं। उनके द्वारा लिखी गयी कविताओं,कहानियों या संस्मरणों की भाषा पढ़ कर यह बोध नहीं होता कि यह रचना किसी इन्जीनियर द्वारा लिखी गयी है। इनकी किसी भी रचना में कोई लाग लपेट नहीं है ।सरल ,सीधे,और विषय के अनुरूप शब्दों का चयन ही इस ब्लाग को अन्य ब्लागों से अलग करता है।
(5)बाल कविताओं का एक बेहतरीन संकलन ---बाल मन
                          बाल मन ब्लाग को यदि बच्चों के सपनों का संसार कहा जाय तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।इसमें अभी तक कुल 33 बालगीत,25 बाल कवितायें,और 28चिल्ड्रेन्स पोएम्स संकलित की जा चुकी हैं। ब्लाग की खास बात यह है कि इसमें आपको नये पुराने,स्थापित नवोदित हर तरह के रचनाकारों के बालगीत एवं कवितायें पढ़ने को मिल जायेंगी।बच्चों की रुचि के अनुरूप इस ब्लाग में प्रकृति,जीव जन्तुओं,मानवीय संवेदनाओं,तीज त्योहारों आदि हर तरह के विषयों के गीत संकलित किये गये हैं।
इस ब्लाग के लेखक एव प्रस्तुतकर्ता जाकिर अली रजनीश चूंकि खुद भी एक अच्छे बाल साहित्यकार हैं इसलिये भी ब्लाग को उन्होंने बच्चों के अनुकूल ही सजाया संवारा भी है। निश्चित रूप से यह ब्लाग भविष्य में बाल साहित्य पर काम करने वालों के लिये एक मार्ग दर्शक का काम करेगा। हां यदि रजनीश जी अपने ब्लाग का फ़ाण्ट बड़े साइज का कर दें तो ब्लाग में चार चांद लग जायेगा।
(6)सुरभि ---एक सुवासित हवा का झोंका
                      अगर आपको जीवन के विभिन्न रंगों का आनन्द कविताओं के माध्यम से लेना है तो आपको सुरभि ब्लाग पर जरूर जाना चाहिये।इस ब्लाग की लेखिका हैं कोलकाता में इन्जीनियरिंग व्यवसाय से जुड़ी मेनका जी।
         मेनका के इस ब्लाग में आपको जीवन के हर रंग के दर्शन
   होंगे।चेहरा,रिश्ते,मां,कलम,मकान शीर्षक से लिखी कविताओं में जहां
   सामाजिक सरोकारों के प्रति उनकी चिन्ता साफ़ जाहिर होती है।वहीं
   उनकी  ॠतुयें,नदी,सागर,कारे बदरा,पहाड़,शाम की दूल्हन,अम्बर,बरफ़ की
   फ़र्श पर,बदरा कवितायें उनकी प्रकृति से नजदीकियों को उजागर करती हैं।
   उनकी सामाजिक सरोकारों के पड़ताल की शैली भी अनूठी ,अलग है।वे
   सिर्फ़ सामाजिक स्थितियों की मूक दर्शक नहीं बनना चाहतीं ,बल्कि
इन चिन्ताओं की छानबीन वे मनोवैज्ञानिक दृष्टि से करती हैं।प्रकृति को लेकर लिखी गयी इनकी कविताओं में आपको नये बिम्बों,प्रतीकों के उपयोग के साथ ही शिल्प और भाषा का नयापन भी मिलेगा। निश्चित रूप से मेनका की रचनायें पाठकों के अन्दर निराशा से आशा का संचार करने में समर्थ हैं।
(7)शब्दों का एक अनूठा कोलाज ----शिखा दीपक
                           शिखा दीपक ब्लाग की रचनाकर खुद शिखा दीपक हैं।इस ब्लाग पर आने के बाद आपको शब्दों,बिम्बों और अनुभूतियों का एक अनूठा संसार मिलेगा। इस संसार में सुन्दर
अनुभूतियों और संवेदनाओं वाली बेहतरीन कवितायें हैं। तो दूसरी ओर भावनाओं मानवीय संवेदनाओं के साथ ही सामाजिक सरोकारों से जुड़ी कहानियां। एक तरफ़ हृदय को छूने वाले शब्द चित्र हैं तो दूसरी ओर आपको प्रकृति के बीच ले जाने वाले बढ़िया यात्रा वृत्तान्त।बीच बीच में ब्लाग की एकरसता को तोड़ने के लिये शिखा दीपक आपको कला के एक नये रूप फ़ूड आर्ट से भी रूबरू कराती रहती हैं। इस कला में फ़लों , सब्जियों से की गयी खूबसूरत सजावट के बारे में बताया गया है।शिखा दीपक की भाषा प्रवाहमयी और सुगम तो है ही इनकी कथ्य को प्रस्तुत करने की शैली भी अनूठी है जो इनके ब्लाग को अन्य ब्लागों से अलग करती है।
इन सभी ब्लाग्स के पते हैं----
1चवन्नी चैप-- http://chavannichap.blogspot.com/
2कथाचक्र------http://katha-chakra.blogspot.com/
4-अनजानाशहअजनबीलोग--http://dayinsiliconvalley.blogspot.com/
5बालमन---http://bm.samwaad.com/
7--शिखादीपक--http://www.shikhadeepak.com/
                                                                   0000
हेमन्त कुमार


11 टिप्पणियाँ:

डॉ. मोनिका शर्मा 10 फ़रवरी 2011 को 7:38 am बजे  

अच्छे हैं यह सभी ब्लोग्स .....इनकी जानकारी पाकर अच्छा लगा ....धन्यवाद

pragya 10 फ़रवरी 2011 को 9:13 pm बजे  

जानकारी के लिए शुक्रिया हेमंत जी....नारी ब्लॉग पर तो अवश्य जाना चाहूँगी...

सदा 11 फ़रवरी 2011 को 3:33 am बजे  

इन सबके बारे में एक जगह विस्‍तार पूर्वक जानकारी देने के लिये आभार ।

KRATI AARAMBH 19 फ़रवरी 2011 को 8:55 pm बजे  

namaste sir,
apka ye blog nishchit hi ek shandaar blog hai,ek esa blog jo bachpan ko ek baar fir yaad dilane main saksham hai.
aap jese gurujano ke padchinhon par chalate hue main bhi apna ek blog likhana shoroo kiya hai, krapaya ek baar us par bhi nazar dalen, aur apane comment dekar use aur bhi behetar banane main meri madad karen.
journalistkrati.blogspot.com

KRATI AARAMBH 22 फ़रवरी 2011 को 8:39 am बजे  

apka blog zabardast hai.kuch koshish maine bhi ki hai, ek nazar us par bhi dalen. krati-fourthpillar.blogspot.com

सहज समाधि आश्रम 20 मार्च 2011 को 3:15 am बजे  

Recent Visitors और You might also like यानी linkwithin ये दो विजेट अपने ब्लाग पर लगाने के लिये इसी टिप्पणी के प्रोफ़ायल द्वारा "blogger problem " ब्लाग पर जाकर " आपके ब्लाग के लिये दो बेहद महत्वपूर्ण विजेट " लेख Monday, 7 March 2011 को प्रकाशित देखें । आने ब्लाग को सजाने के लिये अन्य कोई जानकारी । या कोई अन्य समस्या आपको है । तो "blogger problem " पर टिप्पणी द्वारा बतायें । धन्यवाद । happy bloging and happy blogger

रचना 23 अप्रैल 2011 को 4:38 am बजे  

naari blog ki jaaklari aapne paathak tak pahuchaaii is kaa shukriyaa

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. ‘देख लूं तो चलूं’ "आदिज्ञान" का जुलाई-सितम्बर “देश भीतर देश”--के बहाने नार्थ ईस्ट की पड़ताल “बखेड़ापुर” के बहाने “बालवाणी” का बाल नाटक विशेषांक। “मेरे आंगन में आओ” ११मर्च २०१९ ११मार्च 1mai 2011 2019 अंक 48 घण्टों का सफ़र----- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अण्डमान का लड़का अनुरोध अनुवाद अपराध अपराध कथा अभिनव पाण्डेय अभिभावक अम्मा अरुणpriya अर्पणा पाण्डेय। अशोक वाटिका प्रसंग अस्तित्व आज के संदर्भ में कल आतंक। आतंकवाद आत्मकथा आनन्द नगर” आने वाली किताब आबिद सुरती आभासी दुनिया आश्वासन इंतजार इण्टरनेट ईमान उत्तराधिकारी उनकी दुनिया उन्मेष उपन्यास उपन्यास। उम्मीद के रंग उलझन ऊँचाई ॠतु गुप्ता। एक टिपण्णी एक ठहरा दिन एक तमाशा ऐसा भी एक बच्चे की चिट्ठी सभी प्रत्याशियों के नाम एक भूख -- तीन प्रतिक्रियायें एक महत्वपूर्ण समीक्षा एक महान व्यक्तित्व। एक संवाद अपनी अम्मा से एल0ए0शेरमन एहसास ओ मां ओडिया कविता ओड़िया कविता औरत औरत की बोली कंचन पाठक। कटघरे के भीतर कटघरे के भीतर्। कठपुतलियाँ कथा साहित्य कथावाचन कर्मभूमि कला समीक्षा कविता कविता। कविताएँ कवितायेँ कहां खो गया बचपन कहां पर बिखरे सपने--।बाल श्रमिक कहानी कहानी कहना कहानी कहना भाग -५ कहानी सुनाना कहानी। काफिला नाट्य संस्थान काल चक्र काव्य काव्य संग्रह किताबें किताबों में चित्रांकन किशोर किशोर शिक्षक किश्प्र किस्सागोई कीमत कुछ अलग करने की चाहत कुछ लघु कविताएं कुपोषण कैंसर-दर-कैंसर कैमरे. कैसे कैसे बढ़ता बच्चा कौशल पाण्डेय कौशल पाण्डेय. कौशल पाण्डेय। क्षणिकाएं क्षणिकाएँ खतरा खेत आज उदास है खोजें और जानें गजल ग़ज़ल गर्मी गाँव गीत गीतांजलि गिरवाल गीतांजलि गिरवाल की कविताएं गीताश्री गुलमोहर गौरैया गौरैया दिवस घर में बनाएं माहौल कुछ पढ़ने और पढ़ाने का घोसले की ओर चिक्कामुनियप्पा चिडिया चिड़िया चित्रकार चुनाव चुनाव और बच्चे। चौपाल छिपकली छोटे बच्चे ---जिम्मेदारियां बड़ी बड़ी जज्बा जज्बा। जन्मदिन जन्मदिवस जयश्री राय। जयश्री रॉय। जागो लड़कियों जाडा जात। जाने क्यों ? 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