यह ब्लॉग खोजें

कटघरे के भीतर

शुक्रवार, 28 नवंबर 2008


खून से रंगी सडकों पर
अपने कदमों के निशान बनाते हुए
निकल पड़े हैं
हजारों लाखों बच्चे
पूरी दुनिया के घरों से.

इनके हाथों में हैं मशालें
चेहरे हैं आंसुओं से तर बतर
मन में समाया है एक खौफ
कानों में गूँज रही है धमाकों की आवाजें
और आँखों में चस्पा हैं तमाम सवाल
जिनका जवाब देना है
हमें/आपको/हम सब को.

इन बच्चों की लाल पड़ गई सूनी ऑंखें
जानना चाहती हैं
अपने पैदा होने का कसूर
की क्यों वे सभी बना दिए गए अनाथ
चंद मिनटों में
कुछ उन्मादियों द्वारा की गयी हैवानियत से
की क्या होगा उनका भविष्य
की कैसे मिटेगा उनके चेहरों पर
छाया हुआ खौफ
की कैसे वे उबर सकेंगे पूरे जीवन भर
रात में दिखने वाले भयावह सपनों के प्रहार से
की कौन बुलाएगा अब उन्हें बेटा कह कर
की किसके आँचल में छुप सकेंगे वे
उनींदी आँखों से भयावह काली आकृतियाँ देख कर
की कैसे वे भी बिता सकेंगे एक सामान्य बच्चे का जीवन.

ये सभी सवाल पूछ रहे हैं
ये सारे बच्चे
हम सभी से
सोचिये जरा सोचिये
कुछ थोड़ा बहुत तो बोलिए
क्या जवाब है आपके हमारे पास
इनके सवालों का?

हम सब खड़े होकर कटघरों में
गीता पर हाथ रख कर
सच बोलने की शपथ तो खा सकते हैं
परन्तु क्या दे सकते हैं
कोई आश्वासन..कोई सबूत..कोई प्रमाण
इन बच्चों को
इनके बचपन को सुरक्षित रखने का.

आप भी जरा विचारिये
डालिए अपने दिमाग पर कुछ जोर
की क्या जवाब देना है इन बच्चों को
कब तक चलता रहेगा
दहशत गर्दी का ये खेल
कब तक बारूद के धमाकों
और संगीनों के साये में
खौफनाक मंजर की तस्वीरों से
आतंकित होते रहेंगे ये बच्चे?
00000000
हेमंत कुमार



6 टिप्पणियाँ:

seema gupta 28 नवंबर 2008 को 9:18 pm बजे  

दहशत गर्दी का ये खेल
कब तक बारूद के धमाकों
और संगीनों के साये में
खौफनाक मंजर की तस्वीरों से
आतंकित होते रहेंगे ये बच्चे?
"बेहद निंदनीय शर्मनाक और दुखद "

Ashish Khandelwal 28 नवंबर 2008 को 11:44 pm बजे  

शानदार अभिव्यक्ति.. बस हिंदुस्तान में अमन और चैन बस जाए..

आशु 30 नवंबर 2008 को 9:02 am बजे  

"ये सभी सवाल पूछ रहे हैं
ये सारे बच्चे
हम सभी से
सोचिये जरा सोचिये
कुछ थोड़ा बहुत तो बोलिए
क्या जवाब है आपके हमारे पास
इनके सवालों का?"

आप ने सवाल तो बहुत गंभीर उठाये है! आज की दुनिया की इस भाग दौड़ में हम बच्चों को कैसे भूल सकते हे जो हमारा भविष्य है. आज दुनिया में हिंसा का राज्य पनप रहा है हमे ज़रूरत है इन मासूमों को सहारा देने की जिस से हम अपने भविष्य की बाग़-डोर अपने हाथों में रखे. आप की यह कोशिश सराहनीय है. लिक्खते रहे जिस से पढने वालों को यह एहसास हो के यह कोशिश कितनी ज़रूरी हे और कितना ज़रूरी है के इस के बारे में कुछ किया जाए.

आशु

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji 30 नवंबर 2008 को 10:26 am बजे  

अंकल जी, क्या कहूं, मेरी टिप्पणी कुछ-कुछ पिछली टिप्पणी जैसी ही हो जायेगी.
वास्तव में यह एक ऐसी समस्या है, जो सदैव अनुत्तरित ही रहने वाली है.
(परन्तु क्या दे सकते हैं
कोई आश्वासन..कोई सबूत..कोई प्रमाण
इन बच्चों को
इनके बचपन को सुरक्षित रखने का.)
मार्मिक प्रश्न है, और (दुर्भाग्यवश) हम मौन हैं.
शायद हम कुछ नहीं कर सकते.

Rajeev Nandan Dwivedi kahdoji 30 नवंबर 2008 को 10:28 am बजे  

हमें देश के भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना ही होगा.

बेनामी,  30 नवंबर 2008 को 8:06 pm बजे  

aap maere blog par aayae aur aap nae maeri kavitaao ko sarhaa iskae liyae thanks

aap ki kavitaae dil sae likhi lagtee haen
bas likhtey rahey

एक टिप्पणी भेजें

लेबल

. ‘देख लूं तो चलूं’ "आदिज्ञान" का जुलाई-सितम्बर “देश भीतर देश”--के बहाने नार्थ ईस्ट की पड़ताल “बखेड़ापुर” के बहाने “बालवाणी” का बाल नाटक विशेषांक। “मेरे आंगन में आओ” ११मर्च २०१९ ११मार्च 1mai 2011 2019 अंक 48 घण्टों का सफ़र----- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अण्डमान का लड़का अनुरोध अनुवाद अभिनव पाण्डेय अभिभावक अम्मा अरुणpriya अर्पणा पाण्डेय। अशोक वाटिका प्रसंग अस्तित्व आज के संदर्भ में कल आतंक। आतंकवाद आत्मकथा आनन्द नगर” आने वाली किताब आबिद सुरती आभासी दुनिया आश्वासन इंतजार इण्टरनेट ईमान उत्तराधिकारी उनकी दुनिया उन्मेष उपन्यास उपन्यास। उम्मीद के रंग उलझन ऊँचाई ॠतु गुप्ता। एक टिपण्णी एक ठहरा दिन एक तमाशा ऐसा भी एक बच्चे की चिट्ठी सभी प्रत्याशियों के नाम एक भूख -- तीन प्रतिक्रियायें एक महत्वपूर्ण समीक्षा एक महान व्यक्तित्व। एक संवाद अपनी अम्मा से एल0ए0शेरमन एहसास ओ मां ओडिया कविता ओड़िया कविता औरत औरत की बोली कंचन पाठक। कटघरे के भीतर कटघरे के भीतर्। कठपुतलियाँ कथा साहित्य कथावाचन कर्मभूमि कला समीक्षा कविता कविता। कविताएँ कवितायेँ कहां खो गया बचपन कहां पर बिखरे सपने--।बाल श्रमिक कहानी कहानी कहना कहानी कहना भाग -५ कहानी सुनाना कहानी। काफिला नाट्य संस्थान काल चक्र काव्य काव्य संग्रह किताबें किताबों में चित्रांकन किशोर किशोर शिक्षक किश्प्र किस्सागोई कीमत कुछ अलग करने की चाहत कुछ लघु कविताएं कुपोषण कैंसर-दर-कैंसर कैमरे. कैसे कैसे बढ़ता बच्चा कौशल पाण्डेय कौशल पाण्डेय. कौशल पाण्डेय। क्षणिकाएं क्षणिकाएँ खतरा खेत आज उदास है खोजें और जानें गजल ग़ज़ल गर्मी गाँव गीत गीतांजलि गिरवाल गीतांजलि गिरवाल की कविताएं गीताश्री गुलमोहर गौरैया गौरैया दिवस घर में बनाएं माहौल कुछ पढ़ने और पढ़ाने का घोसले की ओर चिक्कामुनियप्पा चिडिया चिड़िया चित्रकार चुनाव चुनाव और बच्चे। चौपाल छिपकली छोटे बच्चे ---जिम्मेदारियां बड़ी बड़ी जज्बा जज्बा। जन्मदिन जन्मदिवस जयश्री राय। जयश्री रॉय। जागो लड़कियों जाडा जात। जाने क्यों ? जेठ की दुपहरी टिक्कू का फैसला टोपी ठहराव ठेंगे से डा० शिवभूषण त्रिपाठी डा0 हेमन्त कुमार डा०दिविक रमेश डा0दिविक रमेश। डा0रघुवंश डा०रूप चन्द्र शास्त्री डा0सुरेन्द्र विक्रम के बहाने डा0हेमन्त कुमार डा0हेमन्त कुमार। डा0हेमन्त कुमार्। डॉ.ममता धवन डोमनिक लापियर तकनीकी विकास और बच्चे। तपस्या तलाश एक द्रोण की तितलियां तीसरी ताली तुम आए तो थियेटर दरख्त दरवाजा दशरथ प्रकरण दस्तक दिशा ग्रोवर दुनिया का मेला दुनियादार दूरदर्शी देश दोहे द्वीप लहरी नई किताब नदी किनारे नया अंक नया तमाशा नयी कहानी नववर्ष नवोदित रचनाकार। नागफ़नियों के बीच नारी अधिकार नारी विमर्श निकट नियति निवेदिता मिश्र झा निषाद प्रकरण। नेता जी नेता जी के नाम एक बच्चे का पत्र(भाग-2) नेहा शेफाली नेहा शेफ़ाली। पढ़ना पतवार पत्रकारिता-प्रदीप प्रताप पत्रिका पत्रिका समीक्षा परम्परा परिवार पर्यावरण पहली बारिश में पहले कभी पहले खुद करें–फ़िर कहें बच्चों से पहाड़ पाठ्यक्रम में रंगमंच पार रूप के पिघला हुआ विद्रोह पिता पिता हो गये मां पिताजी. पितृ दिवस पुण्य तिथि पुण्यतिथि पुनर्पाठ पुरस्कार पुस्तक चर्चा पुस्तक समीक्षा पुस्तक समीक्षा। पुस्तकसमीक्षा पूनम श्रीवास्तव पेड़ पेड़ बनाम आदमी पेड़ों में आकृतियां पेण्टिंग प्यारा कुनबा प्यारी टिप्पणियां प्यारी लड़की प्यारे कुनबे की प्यारी कहानी प्रकृति प्रताप सहगल प्रतिनिधि बाल कविता -संचयन प्रथामिका शिक्षा प्रदीप सौरभ प्रदीप सौरभ। प्राथमिक शिक्षा प्राथमिक शिक्षा। प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव प्रेम स्वरूप श्रीवास्तव। प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव. प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव। प्रेरक कहानी फ़ादर्स डे।बदलते चेहरे के समय आज का पिता। फिल्म फिल्म ‘दंगल’ के गीत : भाव और अनुभूति फ़ेसबुक बंधु कुशावर्ती बखेड़ापुर बचपन बचपन के दिन बच्चे बच्चे और कला बच्चे का नाम बच्चे का स्वास्थ्य। बच्चे पढ़ें-मम्मी पापा को भी पढ़ाएं बच्चे। बच्चों का विकास और बड़ों की जिम्मेदारियां बच्चों का आहार बच्चों का विकास बच्चों को गुदगुदाने वाले नाटक बदलाव बया बहनें बाघू के किस्से बाजू वाले प्लाट पर बादल बारिश बारिश का मतलब बारिश। बाल अधिकार बाल अपराधी बाल दिवस बाल नाटक बाल पत्रिका बाल मजदूरी बाल मन बाल रंगमंच बाल विकास बाल साहित्य बाल साहित्य प्रेमियों के लिये बेहतरीन पुस्तक बाल साहित्य समीक्षा। बाल साहित्यकार बालवाटिका बालवाणी बालश्रम बालिका दिवस बालिका दिवस-24 सितम्बर। बीसवीं सदी का जीता-जागता मेघदूत बूढ़ी नानी बेंगाली गर्ल्स डोण्ट बेटियां बैग में क्या है ब्लाइंड स्ट्रीट ब्लाग चर्चा भजन भजन-(7) भजन-(8) भजन(4) भजन(5) भजनः (2) भद्र पुरुष भयाक्रांत भारतीय रेल मंथन मजदूर दिवस्। मदर्स डे मनीषियों से संवाद--एक अनवरत सिलसिला कौशल पाण्डेय मनोविज्ञान महुअरिया की गंध मां माँ मां का दूध मां का दूध अमृत समान माझी माझी गीत मातृ दिवस मानस मानस रंजन महापात्र की कविताएँ मानस रंजन महापात्र की कवितायेँ मानसी। मानोशी मासूम पेंडुकी मासूम लड़की मुंशी जी मुद्दा मुन्नी मोबाइल मूल्यांकन मेरा नाम है मेराज आलम मेरी अम्मा। मेरी कविता मेरी रचनाएँ मेरे मन में मोइन और राक्षस मोनिका अग्रवाल मौत के चंगुल में मौत। मौसम यात्रा यादें झीनी झीनी रे युवा रंगबाजी करते राजीव जी रस्म मे दफन इंसानियत राजीव मिश्र राजेश्वर मधुकर राजेश्वर मधुकर। राधू मिश्र रामकली रामकिशोर रिपोर्ट रिमझिम पड़ी फ़ुहार रूचि लगन लघुकथा लघुकथा। लड़कियां लड़कियां। लड़की लालटेन चौका। लिट्रेसी हाउस लू लू की सनक लेख लेख। लेखसमय की आवश्यकता लोक चेतना और टूटते सपनों की कवितायें लोक संस्कृति लोकार्पण लौटना वनभोज वनवास या़त्रा प्रकरण वरदान वर्कशाप वर्ष २००९ वह दालमोट की चोरी और बेंत की पिटाई वह सांवली लड़की वाल्मीकि आश्रम प्रकरण विकास विचार विमर्श। विश्व पुतुल दिवस विश्व फोटोग्राफी दिवस विश्व फोटोग्राफी दिवस. विश्व रंगमंच दिवस व्यंग्य व्यक्तित्व व्यन्ग्य शक्ति बाण प्रकरण शब्दों की शरारत शाम शायद चाँद से मिली है शिक्षक शिक्षक दिवस शिक्षक। शिक्षा शिक्षालय शैलजा पाठक। शैलेन्द्र श्र प्रेमस्वरूप श्रीवास्तव स्मृति साहित्य प्रतियोगिता श्रीमती सरोजनी देवी संजा पर्व–मालवा संस्कृति का अनोखा त्योहार संदेश संध्या आर्या। संवाद जारी है संसद संस्मरण संस्मरण। सड़क दुर्घटनाएं सन्ध्या आर्य सन्नाटा सपने दर सपने सफ़लता का रहस्य सबरी प्रसंग सभ्यता समय समर कैम्प समाज समीक्षा। समीर लाल। सर्दियाँ सांता क्लाज़ साक्षरता निकेतन साधना। सामायिक सारी रात साहित्य अमृत सीता का त्याग.राजेश्वर मधुकर। सुनीता कोमल सुरक्षा सूनापन सूरज सी हैं तेज बेटियां सोन मछरिया गहरा पानी सोशल साइट्स स्तनपान स्त्री विमर्श। स्मरण स्मृति स्वतन्त्रता। हंस रे निर्मोही हक़ हादसा। हाशिये पर हिन्दी का बाल साहित्य हिंदी कविता हिंदी बाल साहित्य हिन्दी ब्लाग हिन्दी ब्लाग के स्तंभ हिम्मत हिरिया होलीनामा हौसला accidents. Bअच्चे का विकास। Breast Feeding. Child health Child Labour. Children children. Children's Day Children's Devolpment and art. Children's Growth children's health. children's magazines. Children's Rights Children's theatre children's world. Facebook. Fader's Day. Gender issue. Girl child.. Girls Kavita. lekh lekhh masoom Neha Shefali. perenting. Primary education. Pustak samikshha. Rina's Photo World.रीना पीटर.रीना पीटर की फ़ोटो की दुनिया.तीसरी आंख। Teenagers Thietor Education. World Photography day Youth

हमारीवाणी

www.hamarivani.com

ब्लागवार्ता


CG Blog

ब्लागोदय


CG Blog

ब्लॉग आर्काइव

कुल पेज दृश्य

  © क्रिएटिव कोना Template "On The Road" by Ourblogtemplates.com 2009 and modified by प्राइमरी का मास्टर

Back to TOP