रंगबाजी करते राजीव जी
बुधवार, 6 मई 2015
एक ठो हमारे मित्र हैं।नाम है पंडित राजीव मिश्र।बहुत नामचीन अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के रंगबाज।जब देखो तब रंग बाजी—सुबह—दोपहर-शाम रंगबाजी हम उनको बहुत समझाते हैं कि भैया हर वक्त की रंगबाजी अच्छी नहीं तो बोलेंगे कुछ नहीं मुस्कुरा भर देंगे। पर उनकी वही कातिलाना मुस्कराहट ही तो बड़ी बड़ी लैलाओं को घायल कर देती है और बड़े से बड़े मजनूं उनके मुरीद हो जाते हैं।आखिर उन्होंने इश्क भी किया है रंगों से और जिन्दगी भर रंगबाजी करने की कसम खायी है।
एक बार का वाकया बतायें—हम लोग चाय पीने निशातगंज गये थे।दोपहर का वक्त गरमी
के कारण सड़कों पर सन्नाटा।मैंने कहा यार ये तो मरघट हो गया है शहर। पँडित राजीव
बोले गुलजार कर दूं अभी? मैंने कहा कर दो भैया। पंडित जी ने तपाक से एक जेब से एक फ़ुलस्केप कागज निकाला –इंक पेन निकाली और चाय वाले को बोले कुर्सी पर
बैठ जाओ।वो उनकी शकल देखने लगा। और पंडित जी चालू हो गये एक किताब पर कागज रख कर
उसका लाइव पोर्ट्रेट बनाने में।मैं देखने लगा।चाय के सारे ग्राहक देखने लेगे उनका
काम।थोड़ी देर में साइकिल,रिक्शा और पैदल वाले भीड़ लगा लिये। अन्ततः
ट्राफ़िक जाम—मच गयी पों—पों—टीं—टीं। और निशतगंज पुलिस चौकी से दीवान जी दौड़े
आये।क्या मामला—भीड़ काहे की—देखा यहां तो पंडितजी की रंगबाजी चल रही।कुछ
बोले नहीं बेचारे—पहले डंडा
फ़टकारा भीड़ हटायी—फ़िर संकोच से
बोले साहब एक मेरा भी पोर्ट्रेट बना दें ड़राइंग रूम की शोभा बढ़ेगी।----तो ये तो एक
छोटा सा नमूना पेश किया मैंने पंडित राजीव मिश्र की रंगबाजी का।
राजीव जी एक प्रतिष्ठित
चित्रकार,संगीतकार,मूर्तिकार होने के साथ ही एक बेहतरीन इन्सान भी हैं।चित्रकारी
की हर विधा में उनकी अच्छी पकड़ हैऽउर जिसको कहते हैं साधना ---उन्होंने पेण्टिंग के
हर माध्यम—वाश,एक्रेलिक,क्रेयान्स,पेन
इंक,कलर पेंसिल,डाट पेन,आयल कलर से हजारों की संख्या में पेण्तिंग्स की
हैं।राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पेण्टिंग की प्रदर्शनियां हुयी
हैं।
राजीव जी आजकल एक बड़ी एग्जीबीशन की तैयारी में लगे
हैं।इस प्रदर्शनी की तारीख और स्थान की सूचना वो जल्द ही आपको देंगे।फ़िलवक्त उनकी
मूर्तिकारी और चित्रकारी,रंगबाजी के कुछ नमूने देखिये।
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डा0हेमन्त कुमार
3 टिप्पणियाँ:
अति उत्तम कलाकृतियाँ। आदरणीय राजीव सर को हमारा प्रणाम।
dhanya hain hum jo aap sabhi ka saanidhya mila
dhanya hain hum jo aap sabhi ka saanidhya mila
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