जाने क्यों ?
शनिवार, 2 अप्रैल 2011
जाने क्यों
आज मौसम का मिजाज़
कुछ बदला हुआ नज़र आ रहा है।
कुछ बदला हुआ नज़र आ रहा है।
मेरे गमले के देशी गुलाब की पंखुड़िया
झुलसाने लगी है
जाने क्यों उम्र के इस पड़ाव पर
छुटपन के घाव
हाजिरी दर्ज करने लगे है।
छुटपन के घाव
हाजिरी दर्ज करने लगे है।
कभी रेत पर रची आकृतियाँ
अब आँधियों की आँखों में
नागफनी की तरह चुभने लगी है
अब आँधियों की आँखों में
नागफनी की तरह चुभने लगी है
कुतुबमीनार से भी ऊँची सहचर की सम्भावनाएं
अस्तित्वहीन हो निष्प्राण हो चली है
और
भावनाओं की असंख्य बस्तिया भी
असमय रस रंग गंध को अंगूठा दिखाते हुए
समय की सुनामी में बह चुकी है। 000
अस्तित्वहीन हो निष्प्राण हो चली है
और
भावनाओं की असंख्य बस्तिया भी
असमय रस रंग गंध को अंगूठा दिखाते हुए
समय की सुनामी में बह चुकी है। 000
                                                           राजेश्वर मधुकर
शैक्षिक दूरदर्शन लखनऊ में प्रवक्ता उत्पादन के पद पर कार्यरत श्री राजेश्वर मधुकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।मधुकर के व्यक्तित्व में कवि,लेखक,उपन्यासकार और एक अच्छे फ़िल्मकार का अनोखा संगम है।
“सांझ की परछांई”(बौद्ध दर्शन पर आधारित  उपन्यास),“आरोह स्वर”(कविता संग्रह),“घड़ियाल”(नाटक), “छूटि गइल अंचरा के दाग”(भोजपुरी नाटक) आदि  इनकी  प्रमुख कृतियां हैं। इनके अतिरिक्त मधुकर जी ने अब तक लगभग एक दर्जन से अधिक टी वी सीरियलों का लेखन एवं निर्देशन तथा “सांवरी” नाम की भोजपुरी फ़ीचर फ़िल्म का  लेखन,निर्देशन एवं निर्माण भी किया है। आपके हिन्दी एवं भोजपुरी गीतों के लगभग 50 कैसेट तथा कई वीडियो एलबम भी बन चुके हैं।                                                                                                                   


 
 
 
 
 

 
 

 
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6 टिप्पणियाँ:
बेहतरीन पंक्तियाँ, यह प्रश्न बहुधा छेड़ता है।
जाने क्यों ? शुभागमन...!
कामना है कि आप ब्लागलेखन के इस क्षेत्र में अधिकतम उंचाईयां हासिल कर सकें । अपने इस प्रयास में सफलता के लिये आप हिन्दी के दूसरे ब्लाग्स भी देखें और अच्छा लगने पर उन्हें फालो भी करें । आप जितने अधिक ब्लाग्स को फालो करेंगे आपके ब्लाग्स पर भी फालोअर्स की संख्या उसी अनुपात में बढ सकेगी । प्राथमिक तौर पर मैं आपको 'नजरिया' ब्लाग की लिंक नीचे दे रहा हूँ, किसी भी नये हिन्दीभाषी ब्लागर्स के लिये इस ब्लाग पर आपको जितनी अधिक व प्रमाणिक जानकारी इसके अब तक के लेखों में एक ही स्थान पर मिल सकती है उतनी अन्यत्र शायद कहीं नहीं । प्रमाण के लिये आप नीचे की लिंक पर मौजूद इस ब्लाग के दि. 18-2-2011 को प्रकाशित आलेख "नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव" का माउस क्लिक द्वारा चटका लगाकर अवलोकन अवश्य करें, इसपर अपनी टिप्पणीरुपी राय भी दें और आगे भी स्वयं के ब्लाग के लिये उपयोगी अन्य जानकारियों के लिये इसे फालो भी करें । आपको निश्चय ही अच्छे परिणाम मिलेंगे । पुनः शुभकामनाओं सहित...
नये ब्लाग लेखकों के लिये उपयोगी सुझाव.
युवावय की चिंता - बालों का झडना ( धीमा गंजापन )
बेहतरीन ...
बहुत बेहतरीन| धन्यवाद|
bahut hi behatareen.
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
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