“काफिला” लोक नाट्य संस्थान का बेहतरीन पुतुल उत्सव
मंगलवार, 22 मार्च 2022
“काफिला” लोक नाट्य संस्थान का बेहतरीन पुतुल उत्सव
कठपुतली नाटिका के दृश्य |
आज इंटरनेट,टी०वी०चैनल्स और मोबाइल के दौर
में हम सभी और हमारे बच्चे दुनिया के एक बेहतरीन सम्प्रेषण माध्यम और लोक कला “कठपुतलियों”
को भूलते जा रहे हैं।बच्चों को तो छोडिये समाज का आम आदमी भी इन बेजान लेकिन
खुबसूरत,आकर्षक कठपुतलियों को भूलता जा रहा है।जबकि आज से कुछ ही वर्षों पहले तक
ये कठपुतलियाँ मेलों,उत्सवों,धार्मिक एवं सामाजिक समारोहों की शान हुआ करती थीं।लोगों
का मनोरंजन करने के साथ ही बच्चों को शिक्षा देने,किसी विषय के लिए समाज में
जागरूकता फैलाने के लिए भी इनका उपयोग किया जाता था।
इतना ही नहीं प्राथमिक शिक्षा के विकास के
लिए कटिबद्ध एन सी ई आर टी,सी आई ई टी नई दिल्ली,एस आई टी लखनऊ,यूनिसेफ,आई सी ड़ी
एस,दूरदर्शन जैसी प्रतिष्ठित और बड़ी
संस्थाओं ने स्कूलों के लिए दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले शैक्षिक वीडियो
कार्यक्रमों में भी इन कठपुतलियों का विभिन्न रूपों में प्रयोग किया और विभिन्न
कठपुतली संचालकों की सहायता से कठपुतली आधारित विभिन्न विषयों के कार्यक्रम बनाए।इन
संस्थाओं द्वारा बनाए गए कठपुतली आधारित शैक्षिक कार्यक्रमों की संख्या दो हजार से
ऊपर ही होगी।दुःख की बात है कि इनमें से हजारों कार्यक्रम तो इलेक्ट्रानिक
माध्यमों में परिवर्तन होने के कारण आज भी वीडियो टेप लाइब्रेरीज में दफन हैं
लेकिन कुछ कार्यक्रम आज भी सी आई ई टी नई दिल्ली के पोर्टल एन आर ओ ई आर पर देखे
जा सकते हैं।
आज जब
कि तमाम इलेक्ट्रानिक और डिजिटल माध्यमों की चकाचौंध में ये महत्वपूर्ण कठपुतली
कला लुप्त होती जा रही है,इसे बचाने के लिए कुछ गिनी चुनी संस्थाएं और कठपुतली
कलाकार बिना किसी सरकारी सहायता के इस कला को बचाने और जीवित रखने के लिए प्रयासरत
हैं।
ऎसी ही
एक महत्वपूर्ण संस्था है लखनऊ की “काफिला लोक नाट्य संस्थान”। जो
पिछले लगभग बीस सालों से कठपुतली कला को बचाने और संरक्षित करने के लिए कटिबद्ध है।“काफिला”देश
के विभिन्न ग्रामीण,शहरी इलाकों में कठपुतली नाटकों के प्रदर्शन के साथ ही हर साल
21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस के अवसर पर विभिन्न आयोजन करती है।
इस साल भी “काफिला”
ने अपना 17वां विश्व पुतुल दिवस 21मार्च 2022 को लखनऊ के सेंट जेम्स स्कूल,गोमती नगर के
सभागार में आर0जी० गुप्ता जी के संयोजन में आयोजित किया।इस अवसर पर “काफिला”
के निदेशक श्री मेराज आलम ने उपस्थित बच्चों और शिक्षिकाओं तथा अभिभावकों को
कठपुतली कला के इतिहास,विश्व पुतुल दिवस के विषय में विस्तृत जानकारी दी।साथ ही
काफिला नाट्य संस्थान की तरफ से श्री चन्द्र शेखर शुक्ल द्वारा लिखित और श्री
मेराज आलम द्वारा निर्देशित दो कठपुतली नाटकों “इज्जत घर” तथा “पढ़ना जरूरी
है” का मंचन भी किया गया।इन दोनों ही पुतुल नाटिकाओं के मंचन में अजरा
मेराज,ताने मेराज,तान्या मेराज,चंद्रशेखर शुक्ल,उमा शुक्ल,तारा देवी यादव,बलराम
यादव,नाजिया सिद्दीकी,संतोष मौर्या आदि कलाकारों ने दोनों नाटिकाओं के मंचन में
पुतुल सञ्चालन,स्वर देने एवं प्रस्तुति को बेहतर बनाने में मेराज आलम का सहयोग
किया।
दोनों ही
नाटिकाएं समाज के लिए महत्वपूर्ण सन्देश देने वाली थीं तथा सभागार में उपस्थित सभी
दर्शकों का मनोरंजन भी कर रही थीं।इस अवसर पर सभागार में अन्य गणमान्य दर्शकों के
साथ ही प्रसिद्ध कवि एवं बाल साहित्यकार डा0हेमन्त कुमार एवं प्रतिष्ठित
कवयित्री और ब्लॉगर श्रीमती पूनम श्रीवास्तव जी भी उपस्थित थीं।
००००
रिपोर्ट एवं फोटोग्राफ्स:
डा0हेमन्त कुमार
1 टिप्पणियाँ:
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