मां का दूध अमृत समान
गुरुवार, 3 अगस्त 2017
(1) जन्म के तुरंत बाद स्तनपान बहुत जरूरी:बच्चा
पैदा होने के बाद शुरू के दो तीन दिनों में मां के स्तन से निकला हुआ दूध (खीस) बच्चों के लिये
अमृत की तरह होता है।यही खीस बच्चों के शरीर
को जीवन भर रोगों से लड़ने की ताकत देने के साथ उसके सम्पूर्ण विकास में भी सहायक
बनता है।“खीस”दो तीन दिनों के बाद सामान्य दूध में बदल जाता है। यदि बच्चा
शुरू में ही इसे नहीं पी पाता तो जीवन भर इस अमृत से वंचित रहेगा। इसी खीस को लेकर ही शायद छ्ठी
का दूध याद दिलाने का मुहावरा भी
बनाया गया है।
(2) स्तनपान के कुछ फ़ायदे:पैदाइश के बाद पहले चार महीनों तक बच्चे
का पेट मां के
दूध से ही भर जाता है।उसे इसके अलावा किसी दूसरे ऊपरी आहार की जरूरत नहीं
रहती। स्तनपान के कुछ और भी फ़ायदे हैं जिन्हें हर मां को जानना चाहिये----
0बच्चे को जरूरत के
अनुसार शुद्ध और गरम दूध मिलता है।इस दूध से उसे दस्त नहीं आता।
0मां का दूध आसानी से पच जाता है,इसीलिये इससे बच्चे के पेट में गैस नहीं बनती।0सबसे बड़ी बात यह है कि मां का दूध बच्चे की रोगरोधी ताकत (रेजिस्टेंस) को बढ़ाता है।
0स्तनपान से मां और उसके शिशु को जो सुख मिलता है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता।
0इससे बच्चे के अन्दर सुरक्षा,प्यार और खुद को विशिष्ट
मानने की भावना बढ़ती है।0स्तनपान से सबसे महत्वपूर्ण और अन्तिम फ़ायदा यह है कि बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान मां को दुबारा गर्भ धारण करने की संभावना कम रहती है।
(3)स्तनपान कैसे
करायें: आज भी बहुत सी माताओं को स्तनपान कराने
का सही तरीका नहीं मालूम है। हम स्तनपान कराने के
सही तरीके को यहां बता रहे हैं----
0 शिशु को स्तनपान कराने के पहले हाथ एवं स्तन दोनों को अच्छी तरह धो लें।
0 बच्चे को स्तनपान हमेशा बैठ कर करायें।बच्चे का सर अपनी बांह पर इस तरह रखें कि उसका सर स्तन से ऊंचा रहे। इससे उसके कान में दूध नहीं जायेगा। यदि आप दूध लेटकर ही पिलाना चाहें तो ध्यान रखें बच्चे की नाक कहीं से न दबे।
0 बच्चे को भूख के हिसाब से दूध पिलायें। एक बार 10-15 मिनट दूध पीकर बच्चा दो-तीन घण्टे तक भूख नहीं महसूस करेगा।दुबारा जब बच्चा चाहे तभी उसे स्तनपान करायें।दूध पिलाकर बच्चे को अपने कंधे पर लिटा कर उसकी पीठ पर दो-तीन हल्की थपकियां दें ताकि
बच्चा डकार ले। इससे बच्चा दूध उल्टेगा नहीं।यदि वह स्तनपान करते करते सो जाय तो उसे सोने दें।
0 यदि आपके स्तन में बच्चे की जरुरत से ज्यादा दूध आये तो उसे निकाल दें।नहीं तो स्तनों में कड़ापन और सूजन आ जायेगी।इससे आपको बच्चे को दूध पिलाने में परेशानी होगी।
0पहले 2-3 महीनों में बच्चा रात में भी मां को स्तनपान के लिये जगायेगा।रात में भी बच्चे को स्तनपान कराना नुक्सानदायक नहीं होता।दूध पीकर वह फ़िर सो जायेगा।कुछ महीनों बाद बच्चा जब रात में ठीक से सोने लगेगा तो धीरे धीरे
रात में उसकी स्तनपान करने की आदत खुद
ही बन्द हो जायेगी।
जन्म से छः सालों तक दो,बच्चे को प्यार सुरक्षा।
बिन बाधा बढ़ता जायेगा ,बनेगा वो फ़िर
बच्चा अच्छा॥
0000000
हेमन्त कुमार
7 टिप्पणियाँ:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (05-08-2017) को "लड़ाई अभिमान की" (चर्चा अंक 2687) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
इस पर भी लोग अब प्रश्न उठाने लगे हैं !
उपयोगी जानकारी,....
बेहद उपयोगी जानकारी है । धन्यवाद।
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