हिन्दी ब्लाग के स्तंभ
रविवार, 10 अक्तूबर 2010
हिन्दी में अन्तर्जाल पर बहुत कुछ लिखा जा रहा है और काफ़ी अच्छा लिखा जा रहा है। यहां मैं उन कुछ खास ब्लाग्स की चर्चा कर रहा हूं जहां पहुंच कर आपको निश्चित रूप से पाठकीय सन्तुष्टि का अनुभव होगा।
सबसे पहले तो मैं बात करूंगा देवाशीष जी की वेबसाइट हिन्दी ब्लाग्स डाइरेक्ट्री की। यह अपने आप में एक अनूठा और प्रशंसनीय काम है देवाशीष जी का। आप को इस ब्लाग डाइरेक्ट्री पर दुनिया भर में लिखे जा रहे हिन्दी ब्लाग्स की अद्यतन सूची मिल जायेगी।जहां से आप हर ब्लाग पर पहुंच सकते हैं।अब आती है बात ब्लाग्स की तो मैं यहां हिन्दी के कुछ चुनिन्दा ब्लाग्स की संक्षिप्त जानकारी दे रहा हूं।
इस ब्लाग के लेखक श्री ज्ञानदत्त पाण्डेय जी पेशे से रेलवे में यातायात प्रबन्धक हैं।लेकिन उनका मन एक कवि और साहित्यकार का है।रेलवे की पटरियों के साथ ही आस पास,समाज,देश,साहित्य और संस्कृति में होने वाली हलचल ज्ञानदत्त जी के मन को उद्वेलित करती है और इस उद्वेलन को वे बाकायदा अपने ब्लाग में दर्ज करते हैं। बात चाहे ककड़ी,खीरा चकोतरा बेचने वाले की हो या गंगा किनारे के नाविक ,मछुवारों के खोजी बच्चों की।साहित्य हो या फ़िर किसी नयी पुस्तक की चर्चा,तीज त्योहार,मेले ,उत्सव सभी कुछ इनके ब्लाग पर आपको पढ़ने को मिलेगा।
मानसी ब्लाग को यदि एक मुकम्मल पत्रिका कहा जाय तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।कारण ,ज्यादातर ब्लोग किसी एक ही विधा में लिखे गये हैं।लेकिन इस ब्लाग में संवेदनात्मक कवितायें हैं तो मन को उद्वेलित करने वाली कहानियां भी हैं।एक ओर पद्य की विभिन्न विधाएं---कविता,गज़ल,दोहे,भजन,काव्यानुवाद के साथ ही जापान की प्रचलित काव्य विधा हाइकु हैं दूसरी ओर कहानी, संस्मरण,लघुकथा, लेख,सांस्कृतिक समाचार,अनुभव आदि भी हम पढ़ सकते हैं।
मानोशी एक सफ़ल अध्यापिका के साथ कुशल लेखिका भी हैं।यह बात उनके शिक्षा ,बाल मनोविज्ञान से संबन्धित लेखों को पढ़ कर हम समझ सकते हैं।इतना ही नही यदि हम इनके लेखों की भाषा ,शिल्प पर ध्यान दें तो भी इस ब्लाग पर प्रकाशित रचनाओं में हमें एक नयापन दिखाई देता है।
दो संस्कृतियों को जोड़ना अपने में एक कठिन काम है।पर इस काम को बखूबी अंजाम दे रही हैं पूर्णिमा बर्मन इस ब्लाग के माध्यम से।पूर्णिमा जी ने नेट पर उस समय अपने हस्ताक्षर बनाये थे जब नेट पर हिन्दी लिखना बहुत कठिन था।ब्लाग में आपको भारत के साथ पूरे यू ए ई के रीति रिवाजों त्योहारों रहनसहन,खानपान की रोचक जानकारियां मिल जायेंगी।आपको अन्तर्राष्ट्रीय चरित्रों बार्बीडाल,डोनल्ड डक के बारे में भी रोचक लेख मिलेंगे।पूर्णिमा संवेदनशील कवियत्री भी हैं।प्रकृति,समाज देश को लेकर इनके मन में होने वाली उथलपुथल इनकी कविताओं में पढ़ सकते हैं।
मानसिक मन्थन और प्रतिबद्धताओं की। यह ब्लाग बताता है कि वे सिर्फ़ एक टी वी पत्रकार ही नहीं बल्कि उससे बहुत ऊपर मानवता के पुजारी हैं।उनके अन्दर एक बहुत कोमल हृदय कवि भी है।
कस्बा में आपको एक तरफ़ राष्ट्रीय,अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति,समाज,धर्म,संस्कृति,बोली, भाषा पर रोचक विचारोत्तेजक लेख मिलेंगे।जो आपको काफ़ी कुछ सोचने पर मजबूर कर देंगे।दूसरी ओर फ़िल्म समीक्षायें,स्लोगन्स,शिक्षा से जुड़ी और पूरी व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाती टिप्पणियां। कभी कभी आपको लगेगा कि हम ब्लाग पढ़ रहे हैं या फ़िर किसी फ़ोटो एक्जीबिशन में घूम रहे हैं।मतलब यह कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ी हर चर्चा आपको यहां मिलेगी।
और इन सबसे अलग आपको रवीश जी के कवि हृदय को आप उनकी कविताओं के माध्यम से पढ़ सकते हैं।इस ब्लाग पर प्रकाशित कई कविताओं में से एक है “बाबू जी का मकान और मकान में उनका फ़्रेम”।इस कविता को जितनी बार मैने पढ़ा मेरी आंखों में आंसू आये ------अब आप भी पढ़ कर देखिये। 5-गीत,गज़ल,लेख का अनोखा संगम उड़न तश्तरी
जहां न जाये रवि वहां जाये कवि।इस ब्लाग के लिये यह बात सच है।यहां आप छोटी बातों पर लेख पढ़ सकते हैं जिन्हें आपने सोचा नहीं होगा। एक तरफ़ रोचक लेख मिलेंगे दूसरी ओर गम्भीर गजलें कवितायें।एक तरफ़ समीर जी की ब्लागरों के साथ चलने वाली जुगलबन्दी हैं दूसरी ओर देश विदेश की सांस्कृतिक गतिविधियों की झलकियां। ऊपर से समीर जी की सरल भाषा और प्रवाहमयी शैली पढ़ने के आनन्द को दोगुना कर देती है।इनके लेखन की खासियत है कि वो अपने लेख किसी छोटी सी बात से शुरू करके उसे किसी गजल,कविता के साथ पूर्णता तक पहुंचाते हैं। ब्लाग सचमुच उड़न तश्तरी ही है।
किसी भी देश के भविष्य का पूरा दारोमदार वहां की प्राथमिक शिक्षा पर होता है। हमारे देश में सरकारी ,गैरसरकारी स्तरों पर प्राथमिक शिक्षा की बेहतरी के लिये काफ़ी कोशिशें हो रही हैं।इनसे अलग हटकर एक प्राथमिक शिक्षक इस विषय में क्या सोचता है,क्या चाहता है यह जानने के लिये हमें प्राइमरी का मास्टर ब्लाग जरूर पढ़ना चाहिये।पेशे से प्राथमिक शिक्षक प्रवीण त्रिवेदी ने अपने इस ब्लाग में प्राथमिक शिक्षा से जुड़े हर पहलू को बखूबी उठाया है।फ़तेहपुर जैसी छोटी जगह पर रहने के बावजूद दुनिया भर की प्राथमिक शिक्षा और बच्चों से जुड़ी हर कोशिश,हर खबर ,हर शोध पर इनकी नजर रहती है।
करके इन ब्लाग्स पर पहुंच सकते हैं----
हेमन्त कुमार
10 टिप्पणियाँ:
अच्छा चयन है भाई ।
आभार. अच्छे लिंक्स दिये है. कुछ और भी दें. बढिया प्रयास.
बहुत अच्छे ब्लोगों के लिंक मिले.आभार.
हेमंत जी मेरे ब्लाग का उल्लेख करने के लिये धन्यवाद। आपने कुछ ज़्यादा अच्छा अच्छा कह दिया है :-)
कुछ ऐसे लिंक्स भी मिल गए जो पहले से मालूम नहीं थे |धन्यवाद |
ओह, बहुत धन्यवाद बन्धुवर!
बहुत अच्छा चयन है हेमंत जी ......
दशहरा की ढेर सारी शुभकामनाएँ!!
rochak chayan!
बढिया प्रयास है एक नजर इधर भी डालियेगा
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