बैग में क्या है---?
शुक्रवार, 10 अगस्त 2012
(हिन्दी में बच्चों को लेकर कविताएं
बहुत ज्यादा नहीं हैं।बहुत कम रचनाकार बच्चों को अपना विषय बनाते हैं या फ़िर उनके
अन्तर्मन में झांकने की कोशिश करते हैं। जबकि आज बच्चों की हालातों के बारे में हम
सभी को सोचना लिखना चाहिये। आज मैं शैलजा पाठक की एक ऐसी ही कविता प्रकाशित कर रहा
हूं।
मुंबई---महानगर—कक्षा सात में पढ़ने वाली एक
मासूम लड़की की आत्महत्या की खबर किसी भी संवेदनशील मन व्यक्ति को विचलित और
उद्वेलित कर देगी।इस घटना ने शैलजा पाठक के अन्तर्मन को कितना अधिक व्यथित किया था
ये बात हम उनकी इस कविता में देख सकते हैं--- )