टोपी
मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgdOCZB1L922BlMdhbUiIYQSIbAO9QciNwe3jVHcWfc-XI_OUB-GF_ggXFGKIQ-dYeThYoK2AHpjuYkJkKKJ0Kjxvo6lbQy6S8tZH8gpN_Tb1KcbZ65pdTj_54M_TOZPNg9brJuiJI0E6ik/s200/topi3.jpg)
मांगी थी तुमने जो टोपी
लो देख लो इनमें
तुम्हारे लिए सजा रखी हैं यहाँ
रंग बिरंगी टोपियाँ।
देखो यह टोपी
पहना करते थे कल
अंग्रेज बादशाह इसे
यह टोपी गांधी,वह नेहरू
उसके बगल वाली सुभाष
बांयी और घूमो
दिखेंगी दो और टोपियाँ
पहनते थे जिन्हें पटेल और आजाद
जो थे उनके पीछे पीछे
अब हैं पेंशन लेकर घर पर।
क्या इससे भी पुरानी टोपी चाहते हो
आओ अन्दर आओ
रखी हैं वहां मैंने
हारुन अल रशीद,बाबर,लुई
और मुसोलिनी की टोपियाँ
कुछ और भी टोपियाँ थीं
जो उड़ गयीं पिछले महाप्रलय में
पगडियां भी कुछ रखी हैं देखो
उस अरघनी पर टंगी चादर का
फेंटा बाँध कर देखो
लगोगे हू-बहू शिवाजी।
क्या अच्छी नहीं लगीं ये टोपियाँ
परेशान मत होओ
और मंगवा दूँगा
सिर्फ़ एक बार खुले दिल से कह दो
रखोगे किसके सिर पर
यह जंग विजयी टोपी
तुम्हें तो मालूम है
टोपी मिलना कोई बड़ी बात नहीं
आजकल।
*********
रचनाकार :मानस रंजन महापात्र
मोबाईल न:०९८९१९४६१७८
हिन्दी अनुवाद:डा.राजेन्द्र प्रसाद मिश्र
(मानस रंजन महापात्र ओडिया भाषा के चर्चित एवं स्थापित कवि हैं । तथा इस समय नेशनल बुक ट्रस्ट,इंडिया के राष्ट्रीय बाल साहित्य केन्द्र में संपादक पद पर कार्यरत हैं।)
हेमंत कुमार द्वारा प्रकाशित
लो देख लो इनमें
तुम्हारे लिए सजा रखी हैं यहाँ
रंग बिरंगी टोपियाँ।
देखो यह टोपी
पहना करते थे कल
अंग्रेज बादशाह इसे
यह टोपी गांधी,वह नेहरू
उसके बगल वाली सुभाष
बांयी और घूमो
दिखेंगी दो और टोपियाँ
पहनते थे जिन्हें पटेल और आजाद
जो थे उनके पीछे पीछे
अब हैं पेंशन लेकर घर पर।
क्या इससे भी पुरानी टोपी चाहते हो
आओ अन्दर आओ
रखी हैं वहां मैंने
हारुन अल रशीद,बाबर,लुई
और मुसोलिनी की टोपियाँ
कुछ और भी टोपियाँ थीं
जो उड़ गयीं पिछले महाप्रलय में
पगडियां भी कुछ रखी हैं देखो
उस अरघनी पर टंगी चादर का
फेंटा बाँध कर देखो
लगोगे हू-बहू शिवाजी।
क्या अच्छी नहीं लगीं ये टोपियाँ
परेशान मत होओ
और मंगवा दूँगा
सिर्फ़ एक बार खुले दिल से कह दो
रखोगे किसके सिर पर
यह जंग विजयी टोपी
तुम्हें तो मालूम है
टोपी मिलना कोई बड़ी बात नहीं
आजकल।
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![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiULrok3XZON2ie24-n_DwxU4xTKytMueXPwregdr7b97Nr_E9XxDxUoG_04kp2fVFHHMDXidtrL3LJwQ5SzIS6GEWVcZRkHGV3fcp-9QyAfwEiPrLC_XJcUORDx_PQDAkzw6iLelMaB8FH/s200/Manas.jpg)
मोबाईल न:०९८९१९४६१७८
हिन्दी अनुवाद:डा.राजेन्द्र प्रसाद मिश्र
(मानस रंजन महापात्र ओडिया भाषा के चर्चित एवं स्थापित कवि हैं । तथा इस समय नेशनल बुक ट्रस्ट,इंडिया के राष्ट्रीय बाल साहित्य केन्द्र में संपादक पद पर कार्यरत हैं।)
हेमंत कुमार द्वारा प्रकाशित